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विस चुनाव – 65-बलरामपुर विधानसभा सीट पर सियासी दग्गिज की प्रतष्ठिा दावं पर

विस चुनाव – 65-बलरामपुर विधानसभा सीट पर सियासी दिग्गज की प्रतिष्ठा दावं पर फोटो नं. 34 कैप्सन -बारसोई बाजार का हाल. प्रतिनिधि, कटिहार पश्चिम बंगाल की सीमा पर सटे जिले के बलरामपुर विधानसभा सीट पर इस बार भी रोचक मुकाबला है. अल्पसंख्यक बाहुल्य इस सीट पर फिलहाल निर्दलीय दुलाल चंद्र गोस्वामी का कब्जा है. आसन्न […]

विस चुनाव – 65-बलरामपुर विधानसभा सीट पर सियासी दिग्गज की प्रतिष्ठा दावं पर फोटो नं. 34 कैप्सन -बारसोई बाजार का हाल. प्रतिनिधि, कटिहार पश्चिम बंगाल की सीमा पर सटे जिले के बलरामपुर विधानसभा सीट पर इस बार भी रोचक मुकाबला है. अल्पसंख्यक बाहुल्य इस सीट पर फिलहाल निर्दलीय दुलाल चंद्र गोस्वामी का कब्जा है. आसन्न विधानसभा चुनाव में श्री गोस्वामी जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि उसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे भाकपा माले के महबूब आलम एक बार फिर आमने-सामने हैं. वहीं पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे एनसीपी के हबीबूर्रहमान इस बार फिर इसी पार्टी से टिकट लेकर चुनावी जंग में डटे हुए हैं. भाजपा ने इस बार नये चेहरे के रूप में वरुण कुमार झा को मैदान में उतारा है. इस सीट की कहानी भी अजीबो-गरीब है. वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के तहत इस सीट का नाम बारसोई से बदल कर बलरामपुर किया गया. वर्ष 2010 में पहली बार बलरामपुर विधानसभा सीट के नाम से चुनाव हुआ. यह सीट शुरू से ही भाजपा की रही थी. भाजपा के दुलाल चंद्र गोस्वामी चुनाव लड़ते रहे हैं. 2010 के चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन के तहत यह सीट भाजपा से जदयू ने ले लिया. जदयू ने इस चुनाव में पूर्व विधायक मो सिद्धिक को मैदान में उतारा था. तब श्री गोस्वामी बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे. यहां की जनता ने श्री गोस्वामी को पूरा समर्थन दिया और वह चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंच गये. भाजपा-जदयू का गठबंधन तो टूट गया. तब नीतीश कुमार को सरकार बचाने के लिए निर्दलीय विधायक श्री गोस्वामी के समर्थन का जरूरत पड़ा. श्री गोस्वामी ने नीतीश कुमार के सरकार को समर्थन दिया और फिर सरकार में श्रम संसाधन मंत्री भी बन गये. इस बार श्री गोस्वामी जदयू के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं भाकपा माले के महबूब आलम से फिर एक बार उनका सामना हो रहा है. भाजपा के वरुण कुमार झा व एनसीपी के हबीबूर्रहमान आमने-सामने की सीधी टक्कर को तृतीय व चतुष्कोणीय बनाने में जुटे हैं. इसके अलावे एआइएमएआइ के आदिल हसन ने भी मुकाबले को रोचक बना दिया है. जबकि बसपा के अंसार, बीएमपी के गोपाल रविदास, बीएमएफ के नूर आलम, जद राष्ट्रवादी के मुश्ताक आलम, आइयूएमएल के श्याम ऋषि, गरीब जद सेकुलर के शकील, वंचित समाज इंसाफ पार्टी के शाहिद, आइएमसी के सोहराब अली, शिवसेना के हंसराज यादव, निर्दलीय आजाद खान, निरंजन दास, सकलैन अहमद ने भी अपनी उम्मीदवारी से बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी माहौल दिलचस्प बना दिया है. परवान चढ़ने लगी चुनावी फिजापश्चिम बंगाल से सटे होने की वजह से इस सीट पर चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होने लगा है. यूं तो पांच नवंबर को इस सीट पर मतदान होना है. लेकिन अभी से चुनावी फिजा परवान चढ़ने लगा है. असीउद्दीन ओबैसी, तौकीर रजा सहित विभिन्न सियासी दलों के स्टार प्रचारकों के आगमन से इस सीट पर चुनावी माहौल पूरी तरह गरमाने लगा है. अभी और भी कई स्टार प्रचारक की चुनावी सभा होनी है. ऐसे में यहां की चुनावी फिजा काफी दिलचस्प होगा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. यद्यपि, महागंठबंधन (जदयू) एवं एनडीए (भाजपा) सहित अन्य प्रमुख सियासी दिग्गजों के लिए होने वाले सियासी संग्राम का नतीजा क्या होगा, यह आने वाला समय ही बतायेगा. कुल मतदाता – 297552पुरुष मतदाता – 158619महिला मतदाता – 138919अन्य मतदाता – 14कुल मतदान केंद्र – 285कुल प्रत्याशी – 17अब तक हुए विधायक—————- वर्ष – विधायक —- ———–1967 – सोहन लाल जैन (जन कांग्रेस)1969 – सोहन लाल जैन (निर्दलीय)1972 – ब्होला दोजा (कांग्रेस)1977 – अबूल नईम चांद (जनता पार्टी)1980 – ब्होला दोजा (कांग्रेस)1985 – ब्होला दोजा (कांग्रेस)1990 – मो सिद्धिक (जद)1995 – दुलाल चंद्र गोस्वामी (भाजपा)2000 – महबूब आलम (भाकपा माले)2005 (फरवरी) – महबूब आलम (भाकपा माले)2005 (नवंबर) – मुनाफ आलम (भाकपा माले)2010 – दुलाल चंद्र गोस्वामी (निर्दलीय)

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