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रघुनाथपुर गांव तक पहुंच पथ भी नहीं

रघुनाथपुर गांव तक पहुंच पथ भी नहीं फोटो नं. 50 से 60 कैप्सन-गांव की सड़क का हाल, शिलान्यास का शिलापट एवं ग्रामीणों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, अमदाबादप्रखंड मुख्यालय स्थित छोटा रघुनाथपुर विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड से महज दो से तीन सौ मीटर की दूरी पर छोटा रघुनाथपुर गांव […]

रघुनाथपुर गांव तक पहुंच पथ भी नहीं फोटो नं. 50 से 60 कैप्सन-गांव की सड़क का हाल, शिलान्यास का शिलापट एवं ग्रामीणों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, अमदाबादप्रखंड मुख्यालय स्थित छोटा रघुनाथपुर विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड से महज दो से तीन सौ मीटर की दूरी पर छोटा रघुनाथपुर गांव है. इस गांव में महादलित व दलित समुदाय के लोग रहते हैं. गौरतलब हो कि सरकार महादलित व अतिपिछड़ा वर्गों के लिए कई प्रकार की योजना चला रही है, लेकिन इस गांव के लोगों को समुचित लाभ नहीं मिला है. यही नहीं इन्हें प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क तक नसीब नहीं है. बता दें कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत अमदाबाद थाना मोड़ से छोटा रघुनाथपुर गांव होते हुए गोला घाट तक सड़क में 11 लाख 65 हजार छह सौ की लागत से पीसीसी ढलाई का कार्य करने के लिए शिलापट्ट लगा हुआ है. इस शिलापट्ट पर कार्य अवधि भी लिखा हुआ है. इस सड़क में पीसीसी ढालाई करने के लिए जदयू का तत्कालीन विधायक मनोहर प्रसाद सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था. शिलान्यास 16 अगस्त 15 को किया गया है. इस शिलापट्ट पर कार्य प्रारंभ के तिथि से दो माह तक में ढलाई कार्य पूर्ण कर लेने की तिथि दर्ज है. लेकिन अब तक ढलाई कार्य शुरू तक नहीं हुआ है. कहते हैं ग्रामीणग्रामीण दुर्गा ऋषि, रामदेव पासवान ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय स्थित इस गांव पर किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. इसका नतीजा है कि गांव के लोगों को सड़क सुविधा नसीब नहीं है. अंतलाल ऋषि, मदन पासवान, धीरेन पासवान, झलिया देवी ने रोड नहीं तो वोट नहीं कहते हुए कहा कि इस गांव में जनप्रतिनिधि तब पहुंचते हैं जब कोई चुनाव होता है. विधानसभा, लोकसभा या फिर पंचायत चुनाव, यहां के लोगों को चुनाव के समय ही याद किया जाता है. गांव में सैकड़ों महादलित, दलित परिवार रहते हैं, जिन्हें हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है. सोनू कुमार पासवान, देबू पासवान ने कहा कि इस गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है. इसमें महादलित व दलित के बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. यह गांव प्रखंड मुख्यालय मे रहते हुए भी काफी पिछड़ा हुआ है. जनार्दन मिर्धा, सुपन पासवान, शेखर मिर्धा ने कहा कि आजादी के बाद आज तक इस महादलित व दलित टोला में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है.

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