आजमनगर: निमौल पंचायत विकास के मामले में पीछे, विकास के लिए गांव को लिया गया है गोद फोटो नं. 50 से 60 कैप्सन-गांव की सड़क का हाल, स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कीचड़, आमलोगों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, आजमनगर, आजमनगर प्रखंड के बौला निमौल पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने के लिए गोद लिया गया है. इस पंचायत को गोद लेने को पंद्रह माह गुजरने के बावजूद एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है. प्रभात खबर ने उक्त गांव पहुंच कर ये जायजा लेने का प्रयास किया कि गोद लेने के बाद गांव का कितना विकास हुआ. जहां उपस्वास्थ्य केंद्र के आगे जल-जमाव, गड्ढेनुमा सड़कें, सूखे चापाकल, बगैर तार के खंभे, जर्जर विद्यालय भवन, फ्लॉप चिकित्सा व्यवस्था, चापाकल से लौह युक्त पानी का निकलना आदि कई समस्याओं से स्थानीय लोग जुझ रहे हैं. लोग गांव में विकास के काम के लिए नजरें गड़ाये बैठे हैं. स्थानीय लोगों ने प्रभात खबर के साथ अपनी समस्याओं को साझा किया है. कहते हैं लोग ———-निमौल के सरफुल हौदा ने कहा कि पूरे पंचायत को गोद तो लिया गया, परंतु विकास कार्य शून्य है. इजहार आलम ने बताया कि आदर्श ग्राम के रूप में निमौल को चुने जाने के बाद रोड मैप बनाया गया. खाका भी खींचे गये परंतु कार्य रफ्तार नहीं पकड़ सका है. ऐनुल हक ने कहा कि आदर्श गांव जब चुनाव हुआ, तब हर्ष हुआ था कि निमौल के दिन बहुरेंगे. पंद्रह माह से ज्यादा गुजर गये, कार्य धीमा है. मो जमील ने बताया कि अब तक विकास की बात करना बेईमानी होगा. मो तनवीर ने कहा कि बुनियादी सुविधाएं सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा, आवास, रोजगार की सुविधा से आज भी महरूम है. अप्सार ने बताया कि आदर्श गांव चुने जाने के बाद जिस चहलकदमी के साथ अधिकारियों की अंधी दौड़ शुरू हुई थी, जो देखने को मिला था. हर्ष था कि कार्य तेजी से होगा परंतु बेअसर. नुरूल हौदा ने बताया कि गांव में एक भी पक्की सड़क नहीं है. परंतु एक सड़क का निर्माण कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है. मो मुस्लिम ने कहा कि निमौल पंचायत की कुल आबादी लगभग 14-15 हजार से भी ज्यादा है. सरपंच मो नासिर ने कहा कि पंचायत की जो भी आबादी है. उसमें 80 फीसदी से ज्यादा आबादी अल्पसंख्यकों की है. जबकि शेष फीसदी में दलित-महादलित समुदाय की है. विद्युतीकरण कार्य के लिए पोल गाड़े जा रहे हैं. मो जुबेर आलम ने बताया कि चयनित आदर्श गांव में 8 राजस्व गांव है. जिसमें आठ आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें 5 भवन विहीन है. मो सिकंदर ने कहा कि आदर्श गांव चुने जाने के बाद अधिकारियों का जो दौरा था. जितना तेज कार्य उतना ही धीमा चल रहा है. जिसमें रफ्तार की दरकार है. आले रसूल ने ने बताया कि निमौल गांव को गोद लिये जाने के बाद जिस रफ्तार से डीपीआर तैयार हुआ था. उस रफ्तार से विकास नहीं हो रहा और न ही दिख रहा है. जाहिर है. कि इसके लिए प्रशासन भी जिम्मेवार कही न कही हैं. व्यवस्था की अव्यवस्था का शिकार है.
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आजमनगर: निमौल पंचायत विकास के मामले में पीछे, विकास के लिए गांव को लिया गया है गोद
आजमनगर: निमौल पंचायत विकास के मामले में पीछे, विकास के लिए गांव को लिया गया है गोद फोटो नं. 50 से 60 कैप्सन-गांव की सड़क का हाल, स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कीचड़, आमलोगों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, आजमनगर, आजमनगर प्रखंड के बौला निमौल पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने के लिए गोद लिया गया है. इस पंचायत […]
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