संस्थागत प्रसव, बाल एवं मातृ मृत्यु दर में कमी, टीकाकरण सहित जन स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न योजनाओं को जमीन पर उतारने में इन संविदा कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन सरकार इन कर्मियों के बारे में अब तक कोई ध्यान नहीं दी है.
जहां तक कि न्यूनतम मजदूरी भी ऐसे कर्मियों को नहीं मिल रही है. संघ के नेताओं ने कहा कि इन कर्मियों की सेवा को स्थायी किया जाना जरूरी है. उल्लेखनीय है कि आशा, ममता, कुरियर ने दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर रहते हुए डीएम को मांग पत्र सौंपा था. उनके मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सिविल सजर्न डॉ सुभाष चंद्र पासवान को सौंपा. धरना प्रदर्शन को संघ के जिला मंत्री कृष्णानंद सिंह, राज्य सचिव मंडल के सदस्य दयानंद सिंह, मिहिर कुमार दास, चंदेश्वर प्रसाद सिंह, नागेंद्र साहनी, श्रमिक नेता रामलगन सिंह, इंदू कुमारी, अर्चना कुमारी, सुशीला कुमारी, ब्रजेश कुमार, प्रेमा कुमारी, दुर्गानंद आजाद आदि ने संबोधित किया.