सुखाड़ जिला घोषित होने से थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैंकिसान
12 प्रखंडों में सुखाड़ से धान की फसल बरबाद
कटिहार:
अनुदान की स्थिति
सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए सरकार डीजल अनुदान योजना चला रही है. लेकिन विडंबना यह है कि यह योजना धरातल पर नहीं उतर रही है. यह योजना किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रही है. ताजा उदाहरण है कि सदर प्रखंड के आठ पंचायतों में प्रत्येक पंचायत बार एक लाख राशि का डीजल अनुदान किसानों के बीच बांटा जायेगा. जबकि किसानों की संख्या ज्यादा है.
आठ पंचायत के किसानों के लिए आठ लाख की राशि मुहैया करायी गयी. राशि कम होने से कितने किसान अनुदान से वंचित रह जाते हैं. अगर कृषि पदाधिकारी प्रत्येक प्रखंड के पंचायत बार किसानों का सर्वेक्षण करायें तो सर्वेक्षण रिपोर्ट सरकार के पास भेजा जाता है तो अवश्य ही सभी कि सानों को अनुदान के लाभ से लाभांवित हो सकते हैं.
अब तक नहीं मिला लाभ
डीजल अनुदान की योजना का लाभ किसानों को एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक नही मिला है. अनुदान की राशि एक वर्ष पूर्व किसानों को दी गयी थी जिसके कारण कि सानों में मायूसी है. सरकार व प्रशासन भले की कागजी रिपोर्ट भेज कर अपनी पीठ थपथापा रही हो लेकिन सच्चई इससे कोंसो दूर है.
कहते हैं किसान
दलन पूर्व पंचायत के किसान मो नयमूल ने बताया कि सरकार की ओर से सुखाड़ घोषित करने से किसानों के बीच उम्मीदें जगी है. भवाड़ा के किसान संजय कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान की राशि प्रखंड में उपलब्ध है लेकिन बांटी नहीं गयी है.
कदेपुरा के किसान सोमनाथ रजक ने बताया कि सुखाड़ घोषित होने से किसानों को फायदा मिलेगा. मनियां के प्रेम प्रकाश ने बताया कि सुखाड़ घोषित होने से डीजल अनुदान की राशि बढ़ेगी. जाफरगंज के मो. एहतेशाम ने बतया कि पिछले बार डीजल अनुदान की राशि प्रति एकड़ 250 रूपया दिया गया था. अब लागत अनुदान की राशि बढ़ेगी. बढैली के किसान गणोश कुमार ने बताया कि सुखाड़ घोषित होने से कुछ हद तक राहत मिलेगी.
कहते हैं पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में 94 प्रतिशत कि सानों ने रोपनी पूरे जिले में किया है. वहीं बाढ़ के कारण 10 हजार 86 हेक्टेयर फसल की बरबादी हुई है.