कटिहारः सदर अस्पताल कटिहार में सुविधाओं का घोर अभाव है. जिसके कारण इलाज कराने आये मरीजों का खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जबकि अस्पताल को आइएसओ का दरजा प्राप्त है. अगर असुविधाओं की बात करें तो सबसे पहले प्रसव वार्ड का नाम आता है. प्रत्येक दिन जिले भर से गर्भवती महिलाएं प्रसव कराने यहां पहुंचती है. बेड की कमी के कारण यहां गर्भवती महिलाएं फर्श को ही बेड बनाकर आराम करती है. वहीं बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण कितनी महिलाएं यहां से निजी अस्पताल चली जाती है. लेकिन बीपीएल वाले गर्भवती महिलाएं किसी तर रहकर यहां पर प्रसव कराती है. मलेरिया वार्ड में तो मरीज को शौचालय कक्ष के बगल में बेड मुहैया कराया जाता है. यह स्थिति देखकर यहां ऐसा लगता है कि यहां तो मलेरिया की बीमारी से निजात पाना तो दूर की बात उल्टे यहां मलेरिया हो सकता है.
अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मरीजों को देखने डॉक्टर तब आते है जब मरीज के परिजन उन्हें बुलाने जाते है. रात की बात छोड़िये यहां अस्पताल कर्मी दिन में भी आराम फरमाते है. हम कैसे इस अस्पताल को बेहतर स्वास्थ्य की कामना कर सकते है.
कहते हैं मरीज
बरारी के भ्ांडारतल पंचायत के सिवना गांव से मलेयिा की इलाज कराने पहुंची फूलझड़ी ने बताया कि डॉक्टर समय पर देखने नहीं आते है. तीन दिन में एक बार देखने डॉक्टर आये है.
शिशु वार्ड में इलाज करा रही डेढ़ वर्षीया रेखा के पिता सुबोध ने बताया कि डॉक्टर को बुलाने पर ही डॉक्टर आते है. सिरनियां बारी की तैयबा बीवी और सालमारी की हीना देवी ने बताया कि दो दिन पहले प्रसव कराने आये है. परंतु बेड नहीं मिला है. इसलिए फर्श पर ही रहना पड़ रहा है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन योगेंद्र प्रसाद रजक ने बताया कि इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है. सीएस के इस तरह के बयान से साफ हो गया कि उन्हें मरीजों के परेशानियों से मानों कोई लेना-देना नहीं हो.