इससे प्रभावित लघु एवं सीमांत किसानों की कुल संख्या 17565442 है. राज्य में कुल मिला कर 1992000 किसान प्रभावित हुए हैं. प्रभावित क्षेत्र के कुल 37 जिलों में 2271070 मीट्रिक टन गेहूं, 280022 मिट्रिक टन मक्का, 18400 मिट्रिक टन चना तथा 56044 मिट्रिक टन मसूर की फसलों के नुकसान का आकलन किया गया. 2015 से 2020 तक के लिए राज्य आपदा रिस्पांस निधि के संशोधित मान-दर के अनुसार 33 प्रतिशत 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा संचित क्षेत्र के लिए 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुमान्य है.
न्यूनतम 1000 रुपये से कम की राशि नहीं दी जायेगी. मंत्री श्री गोस्वामी ने कहा कि शाश्वत फसलों के लिए कृषि इनपुट अनुदान राशि 1800 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुमान्य है. शाश्वत फसलों के लिए न्यूनतम 2000 रुपये से कम नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए 17683588 रुपये वितरण के लिए स्वीकृत कर प्रदान की गयी है. 16 करोड़ 8 लाख की राशि कृषि विभाग को प्रभावित कृषकों के बीच वितरण दिया गया. श्री गोस्वामी ने कहा कि इस अनुदान की राशि आरटीजीएस चेक के माध्यम से पंचायत स्तर पर गठित निगरानी एवं अनुश्रवण समिति के समक्ष शिविर लगा कर वितरित करायी जायेगी. इसके अतिरिक्त किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
इस अवसर पर विशेष रूप से उन्होंने कहा कि 21 अप्रैल को पूर्वोत्तर बिहार के पूर्णिया, दरभंगा, किशनगंज, कटिहार, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया एवं भागलपुर जिले आयी भीषण चक्रवातीय तूफान, ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से फसलों एवं जान-माल की क्षति हुई है. इसके लिए तत्काल मृतक के आश्रितों को 4-4 लाख जिला पदाधिकारी के स्तर से भुगतान एवं गृह क्षति आदि का आकलन प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है. इस अवसर पर जदयू के नगर जिलाध्यक्ष राज कुमार गुप्ता, संजीव श्रीवास्तव, युवा अध्यक्ष पप्पू शर्मा, पूर्व नगर जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार साह, संजय तांती, कमल आनंद, मुरली मंडल, इंदू मिस्त्री, मो वजीर आदि उपस्थित थे.