सुलगा सवाल, आखिर कैसे पहुंचा बालक असमप्रतिनिधि, कोढ़ागोविंद सहनी के जिंदा घर वापस आने व उसके बयान से लोग आश्चर्यचकित हैं. घटना कोढ़ा प्रखंड के स्थानीय गेड़ाबाड़ी बाजार नहर टोला की है. 12 वर्षीय गोविंद सहनी ने बताया कि उसे असम में दुर्गा नाम से बुलाया जाता था. वह एक आश्रम में रहता था. उसके साथ 72 लड़के और रहते थे. आश्रम के साथ वह सरकारी अरबन उच्च बुनियादी विद्यालय छत्रीबाड़ी में पढ़ता भी था. गोविंद सहनी वर्ग छ: का छात्र था. वर्ग क्रमांक 2 था. आश्रम में छात्र-छात्रा के अलग रहने की व्यवस्था थी. असम के कानून के अनुसार, 18 वर्ष उम्र पूरा कर लेने के बाद काम करने के लिए भेजा जाता है. आश्रम ही उस सभी लोगों का घर होता है. दूसरी ओर लोगों में चर्चा है कि गोविंद असम कैसे पहुंचा. वहां वह कामाख्या के आश्रम कैसे गया. प्रखंड के लिए यह दूसरी घटना है. पहली घटना रामपुर के हडि़याभीड़ बांध टोला में हुई थी. वहां भी एक बच्चा लौटा था. गेड़ाबाड़ी का यह बालक भी कामख्या से ही आया है. आस-पड़ोस के लोगों में चर्चा है कि बच्चे को पचास हजार रुपया देकर लाया गया. वहीं मामले की जानकारी कटिहार अनुमंडल पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार को दी गयी. उन्होंने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. इस कार्य के लिए टीम गठित की जायेगी. इस संबंध में कटिहार पुलिस अधीक्षक छत्रनील सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी. इसके बाद ही हकीकत का पता लगेगा.
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बालक के जिंदा घर लौटने पर हो रही तरह-तरह की चर्चा
सुलगा सवाल, आखिर कैसे पहुंचा बालक असमप्रतिनिधि, कोढ़ागोविंद सहनी के जिंदा घर वापस आने व उसके बयान से लोग आश्चर्यचकित हैं. घटना कोढ़ा प्रखंड के स्थानीय गेड़ाबाड़ी बाजार नहर टोला की है. 12 वर्षीय गोविंद सहनी ने बताया कि उसे असम में दुर्गा नाम से बुलाया जाता था. वह एक आश्रम में रहता था. उसके […]
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