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बेहतर इलाज देने में स्वास्थ्य विभाग हुआ फेल

कटिहार: जिले के लोग वर्ष 2014 की विदाई करने की तैयारी में जुटे हैं. इस साल का अब मात्र 48 घंटा बचा है. इसके बाद नये साल 2015 का आगमन हो जायेगा. वर्ष 2014 की विदाई की तैयारी भी लोग अपने-अपने अंदाज में कर रहे हैं. इसके साथ नये वर्ष के स्वागत की भी तैयारी […]

कटिहार: जिले के लोग वर्ष 2014 की विदाई करने की तैयारी में जुटे हैं. इस साल का अब मात्र 48 घंटा बचा है. इसके बाद नये साल 2015 का आगमन हो जायेगा. वर्ष 2014 की विदाई की तैयारी भी लोग अपने-अपने अंदाज में कर रहे हैं. इसके साथ नये वर्ष के स्वागत की भी तैयारी चल रही है.

लेकिन विदाई से पूर्व 2014 किस क्षेत्र में क्या पहचान बनायी. इस बात की भी चर्चा हो रही है. खास कर जन सरोकार से सीधे संबंध रखने वाले विभाग की उपलब्धियों व नुकसान की चर्चा जरूर हो रही है. प्रभात सफरनामा 2014 के तहत अगर जिले के स्वास्थ्य विभाग की चर्चा करें, तो इस साल यह विभाग काफी चर्चा में रहा है. इस साल विभाग के हाथ कुछ उपलब्धियां भी हाथ लगी, तो यह जन सरोकार से कुछ दूर भी हुआ. नवंबर 2014 तक आंकड़े बताते हैं कि आम लोगों से जुड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में विभाग लक्ष्य से काफी पीछे रहा है.

बंध्याकरण मात्र 19 फीसदी

जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा परिवार नियोजन के तहत कई कार्यक्रम चलाये जाते हैं. परिवार नियोजन के तहत बंध्याकरण में नवंबर 14 तक कटिहार की उपलब्धि 19 फीसदी रही है. चालू वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 14 से मार्च 15 तक कटिहार जिले में 32412 महिलाओं का बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया. नवंबर 14 तक मात्र 6221 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ. अब तीन-चार माह में 81 फीसदी लक्ष्य हासिल करना विभाग के लिए चुनौती है.

डीएचएस का भवन निर्माणाधीन

जिला स्वास्थ्य समिति कटिहार का भव्य भवन का निर्माण कार्य इस साल के आखिरी महीने में शुरू हुआ. सदर अस्पताल के समीप एवं पुलिस क्लब के पास जिला स्वास्थ्य समिति का आलीशान भवन निर्माण का कार्य हो रहा है. वर्तमान में डीएचएस सांसद कोष से बने भवन में चल रहा है. जहां कई तरह की कठिनाई हो रही है.

फिसड्डी बना जेबीएसवाइ

इस साल जननी एवं बाल योजना भी फिसड्डी साबित हुआ है. इस योजना के तहत प्रसव के तुरंत बाद ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपया तथा शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये देने का प्रावधान है. नवंबर 14 तक जिले में 36793 महिलाओं का प्रसव हुआ. लक्ष्य के विरुद्ध 52 फीसदी प्रसव विभिन्न सरकारी अस्पताल में हुआ. इसके विरुद्ध मात्र 13 फीसदी महिलाओं को ही जेबीएसवाई के तहत भुगतान किया गया. यानी 9085 महिलाओं को योजना का राशि दी गयी. इसी तरह अन्य स्वास्थ्य योजनाओं की भी स्थिति है.

नहीं बन सका 300 बेड वाला अस्पताल

इस साल भी 300 बेड वाला कटिहार जिला अस्पताल अस्तित्व में नहीं आ सका. विभाग जमीन नहीं होने का हवाला देकर 300 बेड का अस्पताल बनाने से पीछे भाग रही है. जबकि कटिहार जिले की आबादी 32 लाख से अधिक हो चुकी है. आबादी को देखते हुए ही राज्य सरकार ने कटिहार सदर अस्पताल को अपग्रेड कर 300 बेड वाला जिला अस्पताल बनाने की घोषणा की थी. इसके लिए आधारभूत संरचना मद में आवंटन भी आ चुका लेकिन इस साल भी यह अस्पताल अस्तित्व में नहीं आया. जबकि सदर अस्पताल परिसर में रैन बसेरा बनाने के लिए विभाग ने नगर निगम को जमीन उपलब्ध करा दिया.

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