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एक वार्डन पर सौ छात्राओं की जिम्मेदारी

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के छात्राओं का भविष्य अधर मेंप्रतिनिधि, बारसोईप्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के सौ छात्राओं का भविष्य अधर में है. इन छात्राओं की जिम्मेदारी केवल एक वार्डन के जिम्मे है. उनका समय बच्चों की देखरेख में ही बीत जाता है. पठन-पाठन नहीं हो पाती है. उक्त विद्यालय की वार्डन […]

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के छात्राओं का भविष्य अधर मेंप्रतिनिधि, बारसोईप्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के सौ छात्राओं का भविष्य अधर में है. इन छात्राओं की जिम्मेदारी केवल एक वार्डन के जिम्मे है. उनका समय बच्चों की देखरेख में ही बीत जाता है. पठन-पाठन नहीं हो पाती है. उक्त विद्यालय की वार्डन अंजु कुमारी ने बताया कि तीन वर्षों से विद्यालय में पूर्णकालिक शिक्षिका का पद रिक्त है. वहीं अंशकालिक शिक्षिका का एक पद रिक्त है. जबकि विद्यालय में दो पूर्णकालिक एवं दो अंशकालिक शिक्षिका आवश्यक है. वहीं लिपिक का पद भी रिक्त है. बलरामपुर के लिपिक को बारसोई का प्रभार दिया गया है. वार्डन अंजु ने बताया कि शिक्षिका की कमी के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अगर रात्रि में छात्राओं की तबीयत बिगड़ जाये, तो जैसे आसमान ही टूट पड़ता है. अकेले छात्राओं को अस्पताल लेकर जाना पड़ता है, तो छात्रावास में छात्रा को भगवान भरोसे छोड़ कर जाना पड़ता है. ज्ञात हो कि वर्ग छह से आठ तक की गरीबी रेखा से नीचे की सौ छात्राओं के लिए सरकार द्वारा उक्त विद्यालय में नि:शुल्क शिक्षा, छात्रावास, खाना, किताब, कॉपी, कलम, कपड़ा एवं बिछावन की व्यवस्था की गयी है. ताकि गरीब छात्रा भी शिक्षा ग्रहण कर सके. परंतु शिक्षिका के अभाव में छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है.

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