राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र के जरिये कुपोषण मुक्त बिहार बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वर्ष 2018 तक बिहार को कुपोषण मुक्त करने का फैसला लिया गया है. अपने इस मिशन का पूरा करने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है. लेकिन कटिहार जिले में इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और […]
राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र के जरिये कुपोषण मुक्त बिहार बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वर्ष 2018 तक बिहार को कुपोषण मुक्त करने का फैसला लिया गया है. अपने इस मिशन का पूरा करने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है. लेकिन कटिहार जिले में इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों को कई सेवा दी जाती है. मंगलवार को आंगनबाड़ी के पोषक क्षेत्र के चिह्न्ति कुपोषित, अति कुपोषित, गर्भवती व धातृ महिलाओं को अंडा दिया जाना था. इसमें कई तरह की गड़बड़ी है. सेविकाओं ने अपने नाम का जिक्र न करने की शर्त पर कुछ जानकारी दी.
अंडा की खरीदारी में घालमेल
डंडखोरा प्रखंड की कई आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने बताया कि सीडीपीओ द्वारा निर्देशित दुकान से ही अंडा खरीदारी की बाध्यता थी. सेविका ने बताया कि डंडखोरा पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र के लिए प्रखंड कार्यालय के समीप हिमांशु ठाकुर तथा रायपुर पंचायत में तनवीर आलम से अंडा खरीदने के लिए मौखिक निर्देश दिया गया. इसी निर्देश के आलोक में अंडा की खरीदारी की गयी. सप्ताह में करीब 150 पीस अंडा की खपत एक आंगनबाड़ी केंद्र में होती है. सेविकाओं ने चिह्न्ति दुकानों से पांच रुपये प्रति पीस की दर से खरीदारी की है. जबकि मार्केट में अंडा का थोक दर तीन से चार रुपया प्रति पीस है. यही स्थिति प्राणपुर एवं अन्य प्रखंडों की है. यहां भी इसी तरह का मौखिक आदेश लागू है.
सोयाबीन वितरण में भी गड़बड़झाला
आंगनबाड़ी केंद्र में पोषक क्षेत्र की चिह्न्ति धातृ व गर्भवती महिलाओं को सोयाबीन दिये जाने का प्रावधान है. सेविका ने बताया कि सोयाबीन खरीदने के लिए राशि मिली है. लेकिन सीडीपीओ द्वारा यह राशि मांगी जा रही है.