कॉलेज के छात्रावास में पानी तक की व्यवस्था नहीं, सफाई भी नदारद
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पॉलिटेक्निक कॉलेज की ऊंची इमारत लिख रही है अव्यवस्थाओं की इबारत
कॉलेज के छात्रावास में पानी तक की व्यवस्था नहीं, सफाई भी नदारद असुविधाओं व गंदगी के आलम में रहने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं कटिहार : शहर के सिरसा स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुव्यवस्था का आलम बना हुआ है. छात्र-छात्राओं के लिए बनाये गये छात्रावास में सुविधाओं का अभाव है. छात्रावास में गंदगी चारों तरफ फैली […]
असुविधाओं व गंदगी के आलम में रहने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं
कटिहार : शहर के सिरसा स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुव्यवस्था का आलम बना हुआ है. छात्र-छात्राओं के लिए बनाये गये छात्रावास में सुविधाओं का अभाव है. छात्रावास में गंदगी चारों तरफ फैली हुई है. देखने से लगता है कि कभी यहां सफाई होती ही नहीं है. ऐसे में भी छात्र-छात्राएं रहने को विवश हो रहे हैं. यही नहीं पिछले पांच माह से बिजली नहीं रहने के कारण पेयजल की समस्या से छात्र-छात्राएं झोलने को विवश हैं. छात्रों को पीने के लिए पानी के लिए तरस रहे हैं. बिजली के अभाव में मोटर पंप का परिचालन नहीं हो रहा है. जिसके कारण पानी की किल्लत हो गयी है. बिजली के अभाव में छात्रों को मोमबत्ती के सहारे भी रात में पढ़ने को विवश होना पड़ता हैं. हालांकि बल्ब जलने लायक बिजली की व्यवस्था तत्काल की गयी है. महाविद्यालय परिसर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी एक संस्था को दी गयी है.
जो मात्र दो सफाई कर्मी के भरोसे 10 एकड़ में फैली बड़ी-बड़ी इमारतें सहित छात्रावास का नियमित रूप से सफाई का बीड़ा उठाये हुए है. यही वजह है कि छात्रावास में छात्र-छात्राओं को गंदगी में ही रहने को विवश हैं. महाविद्यालय परिसर सहित छात्रावास एवं गर्ल्स छात्रावास में गंदगी इस कदर फैला हुआ है कि देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि पिछले कई माह से सफाई कार्य नहीं किया गया हो.
सबसे बदतर स्थिति बॉय हॉस्टल की है. जहां बाथरूम एवं शौचालय तथा यूरिनल इस कदर गंदगी से भरा हुआ है कि उपयोग के लायक नहीं है. ऐसी स्थिति में छात्रावास में रह रहे छात्रों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. छात्रावास में रहने वाले छात्रों का मेष बंद हो जाने से छात्रों को भोजन स्वयं पका कर खाना पड़ता है या फिर होटल में जाकर भोजन करने को विवश है. छात्रावास में भोजन बिजली पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण छात्रों का जीवन बद से बदतर की स्थिति में जीने को विवश हैं.
क्या कहते हैं छात्रावास के छात्र . छात्रावास में रह रहे छात्र सुधांशु कुमार, राकेश कुमार, अभिमन्यु कुमार, प्रवीण कुमार ने बताया कि पिछले 4 माह से छात्रावास में बिजली के अभाव में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रहा है. बिजली नहीं रहने के कारण बिजली से संचालित होने वाली मोटर पंप खराब है. जिसके कारण छात्रावास में पानी का आपूर्ति बंद है. छात्रावास परिसर में एक चापाकल है. एक ही चापाकल पर छात्रावास के लगभग 100 छात्र स्नान करते हैं. पीने के लिए पानी का उपयोग करते हैं.
चापाकल से बाल्टी में पानी लेकर दो मंजिले पर चल रहे छात्रावास के बाथरूम में शौच के लिए जाना पड़ता है. जिसके कारण छात्रों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों ने बताया कि छात्रावास परिसर में बाथरूम व शौचालय तथा यूरिनल काफी गंदा है. जिसके कारण बेसिन, यूरिनल व शौचालय जाने लायक नहीं है. बाथरूम की सफाई पिछले कई सप्ताह से नहीं किया गया है. जिसके कारण बाथरूम परिसर में गंदगी पसरा हुआ है. ऐसी स्थिति में बीमारी होने की संभावना प्रबल हो गयी है. छात्रावास प्रभारी के द्वारा छात्रावास में रह रहे छात्रों की सुख सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. छात्रों ने बताया कि बिजली नहीं रहने के कारण रात्रि में मोमबत्ती जलाकर पठन-पाठन करने को विवश हैं.
क्या कहती हैं गर्ल्स हॉस्टल की छात्राएं . गर्ल्स हॉस्टल में रह रही छात्रा निकिता शंकर, पल्लवी राज, रंजना कुमारी ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से हॉस्टल परिसर की सफाई नहीं किया गया है. परिसर सहित बाथरूम शौचालय की सफाई नहीं होने के कारण गंदे शौचालय का उपयोग करने को विवश हैं. पिछले चार पांच माह से बिजली नहीं रहने के कारण रात्रि में मोमबत्ती जलाकर पठन-पाठन करने करते हैं. बिजली की आपूर्ति नहीं रहने के कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है. छात्राओं ने बताया कि सुरक्षा के नाम पर एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं रहते हैं. प्रत्येक दिन संध्या 6:00 बजे हॉस्टल के मुख्य द्वार पर रात्रि प्रहरी के द्वारा ताला लगा दिया जाता है और सुबह 6:00 बजे रात्रि प्रहरी के द्वारा ताला खोल दिया जाता है. 24 घंटे में 12 घंटे बंदियों की तरह छात्रावास में रात गुजरने को विवश हैं.
क्या कहते हैं प्राचार्य
प्राचार्य इंजीनियर रवि कुमार ने कहा कि पिछले पांच माह पूर्व पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का विद्युत ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण महाविद्यालय में बिजली बाधित हो गयी है. तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अलग से बिजली ली गयी है. इस बिजली से केवल रोशनी की व्यवस्था की गयी है. प्राचार्य ने बताया कि विद्युत विभाग को कई बार पत्राचार कर सूचित किया गया है कि महाविद्यालय में आपूर्ति होने वाला ट्रांसफार्मर जल चुका है. नये ट्रांसफार्मर लगाने की मांग की गयी है. लेकिन 5 माह बीत जाने के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया नहीं किए गयी है. इसके कारण महाविद्यालय में संचालन करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. बिजली के अभाव में पेयजल आपूर्ति ठप है. पेयजल की कमी लाने के कारण नियमित रूप से सफाई ही नहीं हो पा रही है. क्योंकि सफाई करने में पेयजल की अहम भूमिका होती है.
क्या कहते हैं छात्रावास प्रभारी
छात्रावास प्रभारी रोशन कुमार ने बताया कि छात्रावास में छात्रों द्वारा परिसर को हमेशा गंदा किया जाता है. शौचालय बाथरूम को भी गंदा किया जाता है. सफाई कर्मी की कमी रहने के कारण नियमित रूप से सफाई नहीं हो सकती है. लेकिन, एक सप्ताह के अंदर छात्रावास की सफाई का पूरा ध्यान रखा जायेगा. उन्होंने बताया कि जैसा संसाधन उपलब्ध है, उस अनुसार काम किया जा रहा है.
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