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पुस्तकें दी नहीं, ले रहे परीक्षा
जिले में करीब 97467 छात्र-छात्राओं को ही पुराने एवं बचे हुए नये किताब अब तक उपलब्ध कराये गये हैं कटिहार : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू हो गयी है. इस बार अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में बगैर पढ़े ही बच्चे सम्मिलित हो रहे है. अब तक प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को सरकार […]
जिले में करीब 97467 छात्र-छात्राओं को ही पुराने एवं बचे हुए नये किताब अब तक उपलब्ध कराये गये हैं
कटिहार : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू हो गयी है. इस बार अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में बगैर पढ़े ही बच्चे सम्मिलित हो रहे है. अब तक प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को सरकार द्वारा पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं करायी गयी है. जिले में करीब 97467 छात्र-छात्राओं को ही पुराने एवं बचे हुए नये किताब उपलब्ध हो सके हैं, जबकि 525584 छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तक नहीं मिली है.
यह छात्र-छात्राएं बगैर पढ़े ही इस बार परीक्षा देने को विवश है. राज्य सरकार ने 21 सितंबर से पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. पर अब तक यहां जिला मुख्यालय में ही पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं हो सका है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के दिशा-निर्देश के आलोक में जिला शिक्षा विभाग में मूल्यांकन परीक्षा प्रारंभ की है. परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में यह परीक्षा 11 अक्तूबर तक आयोजित की जायेगी. इस अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में जिले के कुल 623051 छात्र-छात्राएं को सम्मिलित होना था. लेकिन इस मूल्यांकन में करीब 3.7 लाख छात्र-छात्राएं भाग ले रहे है. उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक सत्र 2016-17 से अर्द्धवार्षिक व वार्षिक मूल्यांकन विभाग द्वारा आयोजित की जाती है. प्रारंभिक विद्यालय के अध्ययनरत बच्चों के सीखने एवं समझने की क्षमता की जांच के लिए यह मूल्यांकन परीक्षा विभाग द्वारा ली जाती है. गौरतलब है कि शिक्षा अधिकार कानून 2009 के लागू होने के बाद प्रारंभिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं के परीक्षा पर रोक लगी है. इसलिये विभाग ने इस परीक्षा को मूल्यांकन का नाम दिया है. जिला स्तर पर प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका की छपाई कर उसे बीआरसी व सीआरसी के माध्यम से विद्यालय भेजा होगा.
11 तक होगी मूल्यांकन परीक्षा : विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में 11 अक्तूबर तक अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जायेगी. यह परीक्षा गुरुवार यानी पांच अक्तूबर से शुरू हुई है. पहले दिन शहर में तनाव होने की वजह यह मूल्यांकन परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी.
अब शहरी क्षेत्र के प्रारंभिक विद्यालय में यह परीक्षा 12 अक्तूबर को होगी. जबकि शेष ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षा निर्धारित तिथि से चल रही है. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष से राज्य सरकार प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों का मूल्यांकन परीक्षा ले रही है. मूल्यांकन परीक्षा के बाद संकुल संसाधन केंद्र के स्तर पर उत्तर पुस्तिका की जांच की जायेगी. उसके बाद मूल्यांकन में शामिल प्रत्येक छात्र-छात्राओं का प्रगति पत्रक तैयार किया जायेगा. प्रगति पत्रक तैयार होने के बाद उसे अभिभावकों के बीच छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जायेगा.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में गुरुवार से अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू कर दी गयी है. शहरी क्षेत्र में गुरुवार को विद्यालय के शैक्षणिक कार्य को स्थगित होने की वजह उस दिन का मूल्यांकन 12 अक्तूबर को होगा.
विद्यासागर सिंह, डीपीओ, प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान
पिछले वर्ष से शुरू हुई है मूल्यांकन
शैक्षणिक सत्र 2016-17 से राज्य सरकार ने प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों का अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक मूल्यांकन ले रही है. उल्लेखनीय है कि शिक्षा अधिकार कानून 2009 के लागू होने के बाद वर्ष 2010 से प्रारंभिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं की परीक्षा नहीं ली जाती है.
इस कानून में छात्र-छात्राओं के परीक्षा लेने पर रोक लगायी गयी है. राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं में सीखने व समझने की क्षमता की परख के लिए अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक मूल्यांकन शुरू किया है. अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर छात्र-छात्राओं को फेल या पास नहीं किया जाता है. बल्कि सीखने व समझने की क्षमता के आधार पर प्रगति पत्रक तैयार कर संबंधित छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जाता है.
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