कटिहार : शहर के वार्ड नंबर 40 के रानी घाट इलाके में विश्व बालश्रम विरोधी दिवस के अवसर पर चाइल्ड लाइन कॉलेब बाल महिला कल्याण के तत्वाधान में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस मौके पर बालश्रम के विरुद्ध प्रभातफेरी भी निकाली गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चाइल्डलाइन के समन्वयक अरुण कुमार झा […]
कटिहार : शहर के वार्ड नंबर 40 के रानी घाट इलाके में विश्व बालश्रम विरोधी दिवस के अवसर पर चाइल्ड लाइन कॉलेब बाल महिला कल्याण के तत्वाधान में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस मौके पर बालश्रम के विरुद्ध प्रभातफेरी भी निकाली गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चाइल्डलाइन के समन्वयक अरुण कुमार झा ने कहा कि बच्चों से मजदूरी कराना कानूनन अपराध है. इस अवसर पर परामर्शी रवींद्र कुमार ने कहा कि बाल मजदूरी करना एवं बाल मजदूरी कराना दोनों कानून अपराध है.
उन्होंने लोगों से बाल श्रम के विरुद्ध आगे आने की अपील की. चाइल्ड लाइन के टीम सदस्य दीपक कुमार दीप ने बच्चों से जुड़े अधिकार यथा जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार व सहभागिता के अधिकार पर विस्तार से प्रकाश डाला. मौके पर टीम सदस्य रवि कुमार राय ने चाइल्ड लाइन के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि जरूरतमंद में बच्चों के लिये 1098 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते है. कार्यक्रम में बच्चों के अलावा महिलाओं ने भी हिस्सा लिया.
कदवा में सबसे अधिक बाल श्रमिक
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना समिति के द्वारा दो वर्ष पूर्व कराये गये सर्वेक्षण पर भरोसा करें तो कटिहार जिले में कुल 23955 बाल श्रमिक है. इसमें से सर्वाधिक बालश्रमिक कदवा प्रखंड में है. इस प्रखंड में 3124 बाल श्रमिक पाये गये है.
जबकि कटिहार शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 2635, मनसाही में 441, हसनगंज में 400, मनिहारी में 1794, प्राणपुर में 860, समेली में 988, कुर्सेला में 456, अमदाबाद में 1370, बलरामपुर में 783, डंडखोरा में 592, आजमनगर में 2174, बारसोई में 1800, बरारी में 2814 एवं फलका में 1380 बालश्रमिक सर्वेक्षण के दौरान सामने आया है. यह बालश्रमिक मोटर गैरेज, होटल, साइकिल दुकान, ईंट भट्टा, खेतीहर मजदूर, घरेलू कार्य में शामिल है.