तीन की जगह महज एक डॉक्टर के रहने से मची अफरातफरी
भभुआ सदर : सदर अस्पताल की स्थिति यह है कि कभी दवा तो कभी डॉक्टर नहीं रहने के चलते मरीजों को फजीहत झेलनी पड़ रही है. मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में दोपहर 12 बजे अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. इलाज के लिए आये मरीजों के बीच पहले दिखाने को लेकर हुई जबरदस्त धक्का-मुक्की और दबाव के बीच ओपीडी में बैठे इकलौते डॉक्टर व सुरक्षा गार्ड कक्ष को छोड़कर भाग खड़े हुए. यह स्थिति तब बनी, जब ओपीडी में तैनात तीन डॉक्टरों की जगह मात्र एक डॉक्टर डाॅ राजेश कुमार सिंह ही मौजूद थे. मंगलवार को ओपीडी में तैनात डाॅ प्रेमराजन और डाॅ अनिल कुमार छुट्टी पर थे. अस्पताल के अधिकारियों ने डॉक्टरों को तो छुट्टी दे दी, लेकिन उनके जगह पर विकल्प के तौर पर किसी की तैनाती नहीं की गयी.
मरीजों की अत्यधिक भीड़ से बढ़ी परेशानी: इन दिनों मौसम के बदलाव के चलते सदर अस्पताल में मरीजों की बाढ़ सी आयी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन मरीजों के इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा है.
मंगलवार को भी काफी संख्या में मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल आये थे, लेकिन ओपीडी में मात्र एक डॉक्टर तैनात थे. दोपहर 12 बजे तक डाॅ राजेश ने अकेले 156 मरीजों का इलाज कर उन्हें दवाइयां लिखीं. लेकिन, 12 बजे के बाद इलाज के लिए खड़े बीमार मरीजों की इच्छाशक्ति जब जवाब देने लगी, तो वे आगे बढ़ने के लिए डॉक्टर कक्ष के दरवाजे पर खड़े सुरक्षा गार्ड भरत राम और उदय प्रताप पर दबाव बनाते हुए धक्का-मुक्की करने लगे. काफी देर तक दबाव झेलने के बाद गार्ड स्वत: दरवाजे से हट गये और सभी मरीज एक साथ डॉक्टर को दिखाने के लिए कमरे में जा घुसे. एक साथ इतने मरीज को देख डाॅ राजेश भी भय के चलते हाथ खड़े करते हुए कमरे से निकल भागे. इस दौरान 12:20 बजे से दोपहर 1:05 बजे तक ओपीडी डॉक्टरविहिन रहा.