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बगैर लाइसेंस के नहीं करें मां शारदे की पूजा

सख्ती. स्कूलों पर भी प्रशासन की नजर भभुआ नगर : मां शारदे (सरस्वती) की प्रतिमा स्थापित करने व विसर्जन के दौरान जुलूस निकालने के लिए आयोजन समिति को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. बिना लाइसेंस के प्रतिमा स्थापित करने या जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा. आयोजन समिति के सदस्यों को लाइसेंस की प्रक्रिया हर हाल में […]

सख्ती. स्कूलों पर भी प्रशासन की नजर

भभुआ नगर : मां शारदे (सरस्वती) की प्रतिमा स्थापित करने व विसर्जन के दौरान जुलूस निकालने के लिए आयोजन समिति को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. बिना लाइसेंस के प्रतिमा स्थापित करने या जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा. आयोजन समिति के सदस्यों को लाइसेंस की प्रक्रिया हर हाल में पूरी करनी होगी. इसके अलावा पूजा व विसर्जन के दौरान तेज ध्वनि व डीजे पर अश्लील गाने बजाने पर भी कार्रवाई की जायेगी.
यह फरमान जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया है. एसडीओ ललन प्रसाद ने बताया कि जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार सरस्वती पूजा समिति को लाइसेंस के लिए प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व प्रखंड मुख्यालय व थाने में आवेदन देना होगा. पूजा समिति सदस्यों के नाम व मोबाइल नंबर भी देना अनिवार्य है. उसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी लाइसेंस निर्गत करेंगे. पूजा महोत्सव के दौरान शांति व्यवस्था भंग होने की स्थिति में संबंधित पूजा समिति इसके लिए जिम्मेदार होगी. उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि क्षेत्र मे सरकारी, गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों के अलावा प्राय: हर गांव के दर्जनों स्थानों पर विभिन्न नामधारी पूजा समितियों द्वारा मां शारदे की प्रतिमा स्थापित करने का सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है. तब इसके लिए लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं थी और न ही लोग इससे वाकिफ थे. प्रशासन के इस नये आदेश से आयोजन समिति सदस्यों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस के लिए आदेश, तो जारी कर दिया गया है, लेकिन हर वर्ष यह देखने को मिलता है कि न तो पूजा कमेटी लाइसेंस लेने में रुचि दिखाती है और न ही प्रशासन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई करता है. फिलहाल प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है
शैक्षणिक संस्थानों पर भी लागू होगा नियम
सरस्वती पूजा को लेकर प्रशासन सख्त है. इस बार प्रशासन की नजर पूजा से लेकर मूर्ति विसर्जन तक रहेगी. जिले में पूजा करनेवाले सभी लोगों को, जो प्रतिमाएं रख रहे हैं उन्हें लाइसेंस लेना होगा. अन्यथा उन पर कार्रवाई हो सकती है. प्रशासन का यह फरमान सरकारी , गैर सरकारी, शैक्षणिक संस्थान, अन्य संस्थान निजी स्थान और समिति सभी पर लागू होता है. पहली बार शिक्षकों को भी विद्यालय में पूजा कराने के लिए लाइसेंस लेना होगा. प्रशासन का फरमान गांव से लेकर शहर तक होगा.
अश्लील गीत व चंदा वसूली पर कार्रवाई
पूजा के नाम पर प्राय: ऐसा देखा जाता है कि डीजे की धुन पर अश्लील गीत बजा कर युवा थिरकते रहते हैं. पूजा के नाम पर अवैध व जबरदस्ती चंदा वसूली भी शुरू हो जाती है. जिला प्रशासन इस पर विशेष नजर रखेगा. पूजा को शांति और सद‍्भावपूर्ण वातावरण में आयोजित करने को लेकर प्रशासन रणनीति बनाने में जुट गया है. रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. जुलूस के दौरान भी तेज ध्वनि में डीजे बजाने पर कार्रवाई की जायेगी.
जुलूस निकालने के लिए भी देना होगा आवेदन
नियम तोड़ने पर पूजा समितियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कहते हैं अधिकारी
शांति व्यवस्था कायम रखने व पूजा स्थलों तथा विसर्जन की सूची की जानकारी के लिये आवेदन देना आवश्यक है. आवेदन देने में किसी को परेशानी नहीं है. यह जनहित में है.
ललन प्रसाद, एसडीओ, भभुआ

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