Advertisement
महिलाओं के लिए न दवा, न ही सुविधाएं
भभुआ सदर : जबरदस्त ठंड व शीतलहर ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है लेकिन, बीमार लोगों को इस ठंड भरे मौसम में सदर अस्पताल में इलाज की तो व्यवस्था है लेकिन, अस्पताल में दवा ही नहीं है. फिलहाल काउंटर पर 18 प्रकार की दवाएं हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए सदर अस्पताल में […]
भभुआ सदर : जबरदस्त ठंड व शीतलहर ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है लेकिन, बीमार लोगों को इस ठंड भरे मौसम में सदर अस्पताल में इलाज की तो व्यवस्था है लेकिन, अस्पताल में दवा ही नहीं है. फिलहाल काउंटर पर 18 प्रकार की दवाएं हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए सदर अस्पताल में इक्का-दुक्का छोड़ कोई भी दवा नहीं है. ऊपर से अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए आयी महिलाओं को बैठने के लिए भी न तो पर्याप्त बेंच ही है. पानी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ता है. महिला मरीज बढ़ने पर फर्श पर बैठ कर अपनी बारी का इंतजार उन्हें करना पड़ता है.
शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए आयी महिला मरीजों को जगह नहीं रहने पर फर्श पर बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करती रहें लेकिन, महिला डॉक्टर किरण सिंह को सुबह नौ बजे कोर्ट में गवाही देने जाना पड़ा तो उनकी इंतजार और लंबी हो गयी. फर्श पर बैठ कर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही महिला छावनी मुहल्ला की अफरोज बीबी, सिकंदरपुर की आशमा बेगम आदि का कहना था कि यहां बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी है और बाहर निकलने पर ठंड लग रही है इसलिए हमलोग एकमात्र स्टील बेंच पर जगह नहीं होने के चलते जमीन पर बैठ कर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही हैं.
उन महिलाओं सहित इंतजार में बैठी अन्य महिला मरीजों का कहना था कि अस्पताल में बंद पेयजल और गंदे शौचालय से भी उन्हें परेशानी होती है लेकिन, मजबूरी के चलते उसी हालत में हमलोग इलाज कराने बैठे हुए हैं. अस्पताल की समस्याओं पर अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल मैनेजर को इन समस्याओं से कई बार अवगत कराते हुए लोगों द्वारा समस्याओं का निदान करने की गुहार लगायी जा चुकी है. अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है.
भभुआ सदर. ठंड के मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी तो आम बात है लेकिन, इनके अलावे ब्रेनस्ट्रोक, डायबिटीज, हाइब्लड प्रेशर और दमा के मरीजों के लिए सर्दी और भी बड़ी मुसीबत बन सकती है. चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के मौसम में खासकर बूढ़े व बच्चों पर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
ठंड शुरु होते ही शहर के अस्पतालों में ब्रेनस्ट्रोक, दमा, हाइब्लडप्रेशर के मरीजों की भीड़ लग रही है. इस मौसम में दिल के मरीजों में भी 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. चिकित्सकों की माने तो सर्दी में स्वस्थ्य बने रहने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि, सर्दी में होनेवाली बीमारियों से लगातार बढ़ने और पनपने का खतरा बना रहता है. ऐसे में जरूरी है कि सही समय पर सही इलाज कहा भी जाता है कि ठंड के मौसम में शरीर को जितना आप ढक कर चलेंगे उतना ही आप बीमारियों से दूर रहेंगे.
सर्दियों में होनेवाली बीमारियां : इस मौसम में लकवे की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि सर्दी में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं जिससे खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. इससे हाइब्लड प्रेशर के मरीजों में लकवे का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए समय-समय ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना जरुरी है दमा के मरीजों को भी विशेष सावधानी बरतने की जयरत है.
ठंड के चलते दमा के मरीजों में दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे मरीज अपनी दवाएं और इन्हेलर अपने साथ रखे. ठंड के चलते धमनी सिकुड़ने से हर्टअटैक का भी खतरा बना रहता है. शहर के जाने माने ह्रदय विशेषज्ञ डॉ. शांति कुमार मांझी ने बताया कि दिल और रक्तचाप के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाये. बिस्तर से उठने से पहले गरम कपड़े पहने और थोड़ा व्यायाम करते हुए उठे. सर्दी के मौसम में सिर, हाथ, पैर को पूरी तरह से ढक कर चले ताकि, सर्द हवाएं आपके शरीर के भीतर न जा सके.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement