Advertisement
फर्जी प्रमाणपत्रों पर हुई बहाली
भभुआ नगर : जिले में टोला सेवक और तालिमी मरकज के चयन में बड़े पैमाने पर किये गये हेरफेर का खुलासा हुआ है. इस मामले में गलत बहाली को ले डीपीओ आरएमएसए पर भी कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है. जिले के कई प्रखंडों में अधिक नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार कर कम अंक […]
भभुआ नगर : जिले में टोला सेवक और तालिमी मरकज के चयन में बड़े पैमाने पर किये गये हेरफेर का खुलासा हुआ है. इस मामले में गलत बहाली को ले डीपीओ आरएमएसए पर भी कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है. जिले के कई प्रखंडों में अधिक नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार कर कम अंक वाले का चयन कर लिया गया.
वहीं चैनपुर प्रखंड के करजी गांव में कम अंक और जाली प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थी की बहाली कर ली गयी है. इन मामलों की जांच के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट आ चुकी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डीपीओ आरएमएसए(राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा) को अधिक नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर अनुपालन प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही डीपीओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
जांच समिति की आयी रिपोर्ट: टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है. गलत ढंग से चयन को ले बड़े पैमाने पर पैसों के हेरफेर की संभावना जतायी जा रही है. कुल सात मामले की जांच समिति द्वारा की गयी है.
पहला मामला रामगढ़ प्रखंड के मसाढ़ी का है. इस मामले में डीपीओ से पूछा गया है कि यहां टोला सेवक और तालिमी मरकज के मामले में निर्गत पत्रांक 180 दिनांक 25.9.16 किस परिस्थिति में निर्गत किया गया. वहीं भगवानपुर में अधिक अंकवाले अभ्यर्थियों को नजरअंदाज कर कम अंक वाले अभ्यर्थियों का चयन किया गया. चैनपुर के करजी में तो सारे नियम कायदों को ताक पर रख कर बहाली की गयी. यहां फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर रेशमा खातून का चयन किया गया है जबकि दूसरे स्थान पर आवेदिका लजीना बानो हैं जिनका नियमानुसार चयन होना था. मिलीभगत के इस खेल में सारे नियम को ताक पर रख रेशमा खातून का चयन कर लिया है. इस मामले में रेशमा खातून के प्रमाणपत्र भी जाली पाये गये हैं.
चयन की प्रक्रिया में हुआ घालमेल
इन मामले में अब कई लोगों पर गाज गिरना तय है. इसके अलावा भगवानपुर के टोड़ी में इस केंद्र पर तीन आवेदकों का चयन किया गया. जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि गलत प्रक्रिया के तहत यहां चयन प्रक्रिया पूरी की गयी है.
वहीं भभुआ प्रखंड के कैथी में टोला सेवक का चयन किशुनदेव पट्टी में किया गया है जबकि इनका चयन कैथी केंद्र के लिए होना चाहिए था. वहीं भभुआ प्रखंड के ही चांदोरुइयां में अधिक अंक पानेवाले अभ्यर्थी को नजरअंदाज कर कम अंकवाले अभ्यर्थी का चयन किया गया. इस मामले में जांच समिति द्वारा बताया गया है कि मनमाने तरीके से चयन करना नियुक्ति भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रथम दृष्ट्या आरोप प्रभावित होता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement