मोहनिया शहर : कुदरा प्रखंड स्थित खरहना गांव में दीपावली के एक दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है. यह परंपरा यहां वर्षों से चली आ रही है. आप कैमूर जिला के मोहनिया अनुमंडल स्थित कुदरा प्रखंड के खरहना गांव में दीपावली के एक दिन बाद पहुंचेगे तो चौक जायेंगे, क्योंकि पूरा 1500 की आबादी […]
मोहनिया शहर : कुदरा प्रखंड स्थित खरहना गांव में दीपावली के एक दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है. यह परंपरा यहां वर्षों से चली आ रही है. आप कैमूर जिला के मोहनिया अनुमंडल स्थित कुदरा प्रखंड के खरहना गांव में दीपावली के एक दिन बाद पहुंचेगे तो चौक जायेंगे, क्योंकि पूरा 1500 की आबादी वाले गांव में दीया जला कर लोग धन की देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं. लोग पूरा घर को सजा कर विधिवत दीपावली मानते हैं. देश में 30 अक्तूबर को दीपावली मनायेगा तो, इस गांव में 31 को दीपावली मनेगी.
धनतेरस अन्य जगह के अनुसार ही शुक्रवार को ही मनाये गये और भैया दूज भी सभी जगह के अनुसार सोमवार को ही मनाते हैं. सबसे अहम बात यह है कि गांव के युवा इसका विरोध भी करते हैं लेकिन पूर्वजों द्वारा बनायी गयी परंपरा को कोई नहीं तोड़ता है. गांव में अशुभ न हो जाये, इस लिए लोग ऐसा करने से डरते हैं. खरहना 15 गांव का पंचायत है. एक दिन बाद सिर्फ खरहना में ही दीपावली मनायी जाती है. दीपावली के दिन केवल दुकानदार भाई ही पूजा करते हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण :खरहना गांव के 55 वर्षीय बबन सिंह कहते हैं कि उन्होंने याद भर में आज तक दीपावली एक दिन बाद ही मनायी है. परंपरा के अनुसार अभी तक यह चलता आ रहा है. 50 वर्ष के नंदकुमार सिंह यादव ने बताया की दीपावली के दिन केवल दुकानदार वर्ग के लोग अपनी दुकान की पूजा करते हैं. वह भी एक दिन बाद घरों व मंदिरों में दीप जला दीपावली मनाते हैं. खरहना में 31 को दीपावली मानेगी. पर्व को लेकर गांवों में उत्साह का माहौल है. हर वर्ग के लोग त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे हैं.गांव के हर वर्ग में खुशी है. बाजार सज चुका है. दीये आिद की खरीदारी भी की जा रही है.
गांव की खुशहाली के लिए इस परंपरा को तोड़ने से कतराते हैं लोग