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छह माह से एमडीएम बंद फिर भी निकल रही राशि

गड़बड़ी़ िबना सूचना के छह माह से गायब हैं प्रधानाध्यापक भभुआ नगर : स्कूल संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हेडमास्टरों की होती है लेकिन, जब स्कूल के हेडमास्टर ही स्कूल से बिना सूचना के गायब हो जायें, तो इसे क्या कहेंगे. ताजा मामला अधौरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हुआं का है यहां के प्रधानाध्यापक हंसराज […]

गड़बड़ी़ िबना सूचना के छह माह से गायब हैं प्रधानाध्यापक
भभुआ नगर : स्कूल संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हेडमास्टरों की होती है लेकिन, जब स्कूल के हेडमास्टर ही स्कूल से बिना सूचना के गायब हो जायें, तो इसे क्या कहेंगे. ताजा मामला अधौरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हुआं का है यहां के प्रधानाध्यापक हंसराज सक्सेना महीनों से स्कूल में बिना सूचना के गायब हैं.
इतना ही नहीं हेडमास्टर साहब की लापरवाही का आलम यह है कि स्कूल में कार्यरत शिक्षक को भी इसकी सूचना नहीं दी. इनकी लापरवाही से स्कूल में पठन-पाठन पर तो प्रतिकूल असर पड़ ही रहा है स्कूल में मध्याह्रन भोजन भी बंद हो चुका है. बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर गलत तरीके से भेजकर एमडीएम के रुपये निकाले जा रहे हैं. इसकी लिखित शिकायत सहायक शिक्षक रघुनाथ सेठ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है. सहायक शिक्षक ने दिये आवेदन में कहा है कि स्कूल के हेडमास्टर हंसराज सक्सेना अंतिम बार 30 जुलाई 2016 को स्कूल आये उसके बाद आज तक स्कूल में उनका दर्शन नहीं हुआ. स्कूल में एमडीएम भी पिछले छह माह से हेडमास्टर की लापरवाही से बंद है. जबकि इस मद में एक लाख 17 हजार तीन सौ 36 रुपये पड़े हुए हैं.
एमडीएम बंद होने से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति काफी कम हो गयी है. स्कूल में कुल 127 बच्चे नामांकित हैं, जबकि वर्तमान समय में इन दिनों मात्र 30 से 40 बच्चे नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं. सहायक शिक्षक ने आगे बताया कि हेडमास्टर साहब अपनी चालाकी दिखाते हुए हर माह बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर मनमाने ढंग से भरकर विभाग को भेज दे रहे हैं. इस परिस्थिति में गांववाले भी मुझे ही प्रताड़ित करते हैं ग्रामीणों का कहना है कि आप भी इस खेल में शामिल हैं.
अधौरा जाने से कन्नी काटते हैं शिक्षक
सूत्रों के मुताबिक पहाड़ी प्रखंड क्षेत्र अधौरा के स्कूलों में कई शिक्षक जाने से कतराते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में संसाधनों का घोर अभाव है. पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में आवागमन और संचार की भी व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है जिससे कई शिक्षक कोई न कोई बहाना बना कर कई महीनों से स्कूल नहीं जाते. इस मामले में महिला शिक्षकों की बात करें तो कई शिक्षिकाएं प्रतिनियोजन करा अन्य प्रखंडों के स्कूलों में जाना बेहतर समझती है.
अन्य राज्यों खासकर यूपी के रहनेवाले शिक्षक भी अधौरा में अपनी नियुक्ति से बचना चाहते हैं. मिली जानकारी के अनुसार, अधौरा में अब भी कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों के स्कूल नहीं जाने से पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है और जब ऐसे शिक्षकों की पोल खुलती है तो विभाग द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाता है लेकिन, उसके बाद जुगाड़ टेक्नोलॉजी से मामला रफादफा हो जाता है.
होगी जांच
अधौरा प्रखंड क्षेत्र में कई स्कूलों में शिक्षकों के स्कूल से गायब होने के मामले सामने आ रहे हैं इस मामले की भी जांच करायी जायेगी साथ ही अधौरा प्रखंड क्षेत्र में स्थित स्कूलों की नियमित जांच हेतू बीइओ को निर्देशित किया जायेगा. ऐसे मामले सामने आने पर कड़ा एक्शन लिया जायेगा.

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