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सभी 11 पीएचसी प्रभारियों का वेतन बंद

पिछली बैठक में लिये गये निर्णयों पर काम नहीं होने पर जतायी नाराजगी भभुआ(कार्यालय) : जिले के 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों के वेतन पर डीएम ने रोक लगा दी है. बुधवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में समीक्षा के दौरान पाया […]

पिछली बैठक में लिये गये निर्णयों पर काम नहीं होने पर जतायी नाराजगी

भभुआ(कार्यालय) : जिले के 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों के वेतन पर डीएम ने रोक लगा दी है. बुधवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में समीक्षा के दौरान पाया कि पिछली बैठक में निर्णय लिया गया था कि गर्भवती महिलाओं की पहचान कर पीएचसी प्रभारी एक डाटाबेस तैयार करेंगे और उन महिलाओं को पीएचसी, रेफरल अनुमंडलीय अस्पताल व सदर अस्पताल में प्रसव कराने के लिए जागरूक किया जायेगा, ताकि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके. समीक्षा के दौरान डीएम ने पाया कि एक भी पीएचसी प्रभारी गर्भवती महिलाओं की पहचान कर डाटाबेस तैयार नहीं कर सके हैं. इसे लेकर डीएम ने सभी 11 पीएचसी प्रभारियों के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

बैठक की समीक्षा के दौरान डीएम ने पाया कि पिछले बैठक में लिये गये निर्णयों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुपालन नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि अब अल्टीमेटम की समय सीमा समाप्त हो गयी. अब आगे आने वाले 15 दिनों तक यह समीक्षा की जायेगी कि पूर्व के बैठक में लिये गये किन-किन निर्णयों का अनुपालन नहीं किया गया है और कहां-कहां गड़बड़ियां की गयी है. उसके आधार पर दोषी पाये जानेवाले अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. डीएम ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए आगे आने वाले 15 दिन काफी खतरनाक होंगे. लगातार बैठक में लिये गये निर्णयों की अनदेखी व गड़बड़ियां की जा रही है.

मोहनिया में ट्राॅमा सेंटर खोलने के लिए भेजा जायेगा प्रस्ताव : डीएम ने बैठक के दौरान कहा कि आम तौर पर यह देखा जा रहा है कि कुदरा से लेकर कर्मनाशा तक एनएच दो पर सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी लोगों का ट्राॅमा सेंटर या बेहतरीन अस्पताल नहीं होने के कारण बनारस ले जाने के क्रम में रास्ते में ही मौत हो जा रही है. ऐसे में मोहनिया में एक ट्राॅम सेंटर की सख्त जरूरत है.

इसके लिए डीएम ने हाल के वर्षों में सड़क दुर्घटना में हुई मौत का आंकड़ा तैयार कर एक ट्राॅमा सेंटर के लिए प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तैयार करने को कहा. साथ ही डीएम ने बताया कि मोहनिया में ट्राॅमा सेंटर खोलने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से बात भी हो चुकी है. उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव भी मांगा है. प्रस्ताव को तैयार करने की जवाबदेही सिविल सर्जन, वरीय उप समाहर्ता केके उपाध्याय, मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी व डीपीएम को दी गयी है . इसके लिए डीएम गुरुवार को मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल का निरीक्षण भी करेंगे.

तीन साल से एक जगह पर जमे कर्मियों का करें तबादला : डीएम ने कहा कि एक जगह पर स्वास्थ्य विभाग में जो कर्मचारी तीन साल से अधिक समय से टिके हुए हैं, उनकी सूची तैयार कर जल्द से जल्द सिविल सर्जन तबादला कर रिपोर्ट करेंगे. डीएम ने कहा कि कोई भी कर्मी चाहे कितना भी पैरवी वाला क्यों न हो वह एक जगह पर अगर तीन साल से ज्यादा समय तक टीका है उसका तबादला हर हाल में किया जायेगा.

सदर अस्पताल में दलालों की सक्रियता पर भड़के : डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल में दलालों की सक्रियता की शिकायत लगातार मिल रही है और इस पर अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाता है.

यह काफी गंभीर मामला है. सदर अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं, लेकिन दलालों पर कार्रवाई के लिए कभी भी अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस एवं प्रशासन को सूचना नहीं दी जाती है. इसका मतलब है कि दलालों के साथ अस्पताल के लोगों की भी मिलीभगत है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर कठोर कार्रवाई की जायेगी. मरीजों के हितों के साथ किसी कीमत पर समझौता नहीं किया जायेगा. बैठक में सभी पीएचसी प्रभारी, डीपीएम, एसीएमओ, सिविल सर्जन व वरीय उप समाहर्ता मौजूद रहे.

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