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अब तक 275 मामलों में सिर्फ 43 का ही हो सका है निबटारा

भभुआ (नगर) : लोक शिकायत निवारण अधिनियम शुरू हुए एक माह हो गये. लेकिन, अधिनियम फरियादियों को त्वरित न्याय देने में फिसड्डी साबित हो रहा है. जिला स्तर पर बने शिकायत निवारण केंद्र पर कई विभागों के अधिकारी नोडल पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर शिकायतों के निवारण में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इसकी वजह […]

भभुआ (नगर) : लोक शिकायत निवारण अधिनियम शुरू हुए एक माह हो गये. लेकिन, अधिनियम फरियादियों को त्वरित न्याय देने में फिसड्डी साबित हो रहा है. जिला स्तर पर बने शिकायत निवारण केंद्र पर कई विभागों के अधिकारी नोडल पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर शिकायतों के निवारण में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इसकी वजह से कई विभाग के दर्जनों मामले लंबित पड़े हुए हैं.
बहरहाल फरियादियों को त्वरित न्याय उनके लिए अब दूर की बात साबित होने लगी है. एक माह पूरा होने के उपरांत जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में विभिन्न प्रकार के 275 मामले विभाग को प्राप्त हुए. संयुक्त सचिव सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रामाशंकर सिंह ने मामलों की सुनवाई करते हुए 43 मामलों का निष्पादन किया.
कई विभागों के दर्जनों मामले लंबित : जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सिविल सर्जन, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं रहते और न ही इनके द्वारा प्रतिनियुक्त कोई भी अधिकारी इसमें शामिल होता है.
इससे इन विभागों से संबंधित दर्जनों मामले लंबित पड़े हैं. डीजल अनुदान के मामले में डीएओ द्वारा लोक सेवक के दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में इन लोगों के बार-बार नोटिस दिये जाने के बावजूद सहयोग नहीं मिल रहा.
गौरतलब है कि पांच जून को लोक शिकायत निवारण अधिकारी अधिनियम पूरे राज्य में लागू हुआ था. इस अधिनियम के तहत लोगों की समस्याओं का निपटारा शीघ्र करने की नीति बनी. लेकिन जिले में एक महीने में सिर्फ 43 लोगो के मामले की सुनवाई हो पायी. जबकि 275 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए.

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