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आतंकी हमले में कैमूर ने भी खोया एक लाल
दुख. जम्मू कश्मीर से बीएसएफ जवान का शव बेलाड़ी गांव में आते ही पसरा मातमी सन्नाटा शुक्रवार को अनंतनाग सेक्टर के बिजबहेड़ा जंगल में आतंकी हमले में हुआ था शहीद नुआंव/रामगढ़ : नुआंव प्रखंड के बेलाड़ी गांव का एक वीर सपूत बीएसएफ का जवान महेंद्र राम जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हो गया. […]
दुख. जम्मू कश्मीर से बीएसएफ जवान का शव बेलाड़ी गांव में आते ही पसरा मातमी सन्नाटा
शुक्रवार को अनंतनाग सेक्टर के बिजबहेड़ा जंगल में आतंकी हमले में हुआ था शहीद
नुआंव/रामगढ़ : नुआंव प्रखंड के बेलाड़ी गांव का एक वीर सपूत बीएसएफ का जवान महेंद्र राम जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हो गया. उसका पार्थिव शरीर रविवार की सुबह बेलाड़ी गांव में आते ही मातमी सन्नाटा पसर गया.
जानकारी के अनुसार, बीएसएफ के 64 बटालियन में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत महेंद्र राम छुट्टी बिता कर अपने घर से ड्यूटी वर जा रहे थे. जम्मू पहुंचने के बाद बीएसएफ की कनवाई यानी विभाग की गाड़ी व जवानों की सुरक्षा में वाहन पर सवार होकर अपने कैंप जा रहे थे.
जैसे ही वाहन अनंतनाग सेक्टर से आगे बढ़ा बिजबहेड़ा के जंगलों में पहले से घात लगाये आतंकवादियों ने बीएसएफ के वाहनों पर हमला कर दिया. जब तक जवान पोजीशन लेते. काफी देर हो चुका था. आतंकवादियों की गोलीबारी में तीन जवान शहीद हो गये और 11 घायल हो गये. यह घटना शुक्रवार की शाम करीब 3:20 बजे हुई.
रविवार की सुबह पहुंचा शव
बीएसएफ के वाहन पर हुए आतंकी हमले में देश के तीन जवान शहीद हो गये, जिसमें महेंद्र राम, कैमूर, दूसरा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद व तीसरा पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग के रहनेवाले बताये जाते हैं.
घटना के बाद शवों को बीएसएफ के कैंप ले जाया गया. जहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को कैंप लाया गया जहां गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद एयर इंडिया के विमान से शव को पटना लाया गया. पटना एयरपोर्ट से सेना के वाहन से रविवार की अहले सुबह 4:45 बजे रामगढ़ थाने में लाया गया. उसके बाद सुबह 6:30 बजे शहीद के पैतृक गांव बेलाड़ी लाया गया.
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
बीएसएफ के जवान महेंद्र राम के शहीद होने की सूचना शुक्रवार को ही मिल चुकी थी. लो
ग शव आने की प्रतीक्षा कर रहे थे. शव के गांव पहुंचते ही हर गली से चीख पुकार की आवाज सुनायी देने लगी. कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसकी आंखों में आंसू नहीं आये हों.
घर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर सड़क किनारे शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था.
20 वर्षों तक की देश की सेवा
महेंद्र राम 1996 में हजारीबाग में बीएसएफ में भरती हुए थे. ये पिछले चार वर्ष से कश्मीर के अनंतनाग व बारामुला सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर कार्यरत थे. वर्ष 2013 में कश्मीर के इस सबसे खतरनाक इलाके में तैनात होकर देश की रक्षा करते रहे. इतने समय के बीच कई बार सीमा में घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश करनेवाले पाक समर्थक आतंकियों को खदेड़ चुके हैं. लेकिन, कौन जानता था कि छुट्टी बिता कर घर से जाने के बाद वे अब कभी खुद चल कर घर नहीं आयेंगे.
शव आने की पल-पल खबर लेता रहा प्रशासन
शनिवार की रात नौ बजे पटना से जवान का शव चलते ही कैमूर प्रशासन शव के पहुंचने तक पल-पल की खबर लेते रहा. रविवार की सुबह शव पहुंचते ही जिले से लेकर अनुमंडल व प्रखंड स्तर के पदाधिकारी शहीद के पार्थिव शरीर के साथ गांव पहुंचे.
नुआंव व रामगढ़ के अधिकारी रहे मौजूद
शहीद का गांव अंचल नुआंव थाना रामगढ़ में पड़ता है. इस लिए नुआंव बीडीओ विनोद कुमार प्रसाद, सीओ अलख निरंजन यादव व रामगढ़ बीडीओ कयूम अंसारी, सीओ बाशुकी नाथ सिंह के साथ दोनों थानों के थानाध्यक्ष उपस्थित रहे.
डीएम ने हर संभव सहायता का दिया आश्वासन
डीएम राजेश्वर प्रसाद ने शहीद के शोक संतप्त परिवार को हर संभव सहायता देने की घोषणा की. बीएसएफ हजारीबाग के डिप्टी कमांडेंट मनीष साह से बात कर शहीद के बड़े पुत्र को अनुकंपा पर नौकरी देने की बात कही. लेकिन, उसकी आयु 17 वर्ष 10 माह है. इसलिए 18 वर्ष की आयु होते ही उसे नौकरी दी जायेगी. साथ ही शहीद की पत्नी को जमीन देने के विषय पर डीएम व एसडीएम दोनों ने सीओ अलख निरंजन यादव को आदेश दिया कि जहां भी अच्छी जगह सरकारी जमीन हो तत्काल उपलब्ध करायी जाये.
दी गयी सहायता राशि
शहीद के अंतिम संस्कार के लिए
बीएसएफ 64 के सब इंस्पेक्टर ललन राम ने शहीद की पत्नी प्रमीला को 28 हजार रुपये दिये, जबकि बीएसएफ हजारीबाग के डिप्टी
कमांडेंट मनीष साह ने शहीद की पत्नी को चारों बेटों की उपस्थिति मे 10 लाख रुपये का चेक दिया.
दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
शहीद का शव उनके पैतृक गांव पहुंचने के बाद जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद, पुलिस कप्तान हरप्रीत कौर, एसडीएम डॉ जितेंद्र गुप्ता व एसडीपीओ मनोज राम सहित अन्य पदाधिकारियों ने सुबह 9:40 बजे शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि व गार्ड ऑफ आॅनर दिया. इस दौरान वहां उपस्थित पूर्व बक्सर सांसद जगदानंद सिंह, रामगढ़ विधायक अशोक कुमार सिंह, पूर्व प्रमुख संजय सिंह, प्रमुख अभय कुमार सिंह सहित तमाम लोगों ने शहीद के शव पर पुष्प अर्पित किया.
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