Advertisement
एसपी के समक्ष नक्सली ने डाले हथियार
2001 से फरार था कामेश्वर बिंद आत्मसमर्पण के दौरान पत्नी व बच्चों सहित पूरा परिवार भी था मौजूद भभुआ(सदर) : 27 आर्म्स एक्ट व 17 सीएलए एक्ट सहित कई नक्सली कांडों में संलिप्त भगवानपुर थाना क्षेत्र के वेल्डीह गांव के कामेश्वर विंद ने हथियार व गोलियों के साथ सोमवार को एसपी हरप्रीत कौर के समक्ष […]
2001 से फरार था कामेश्वर बिंद
आत्मसमर्पण के दौरान पत्नी व बच्चों सहित पूरा परिवार भी था मौजूद
भभुआ(सदर) : 27 आर्म्स एक्ट व 17 सीएलए एक्ट सहित कई नक्सली कांडों में संलिप्त भगवानपुर थाना क्षेत्र के वेल्डीह गांव के कामेश्वर विंद ने हथियार व गोलियों के साथ सोमवार को एसपी हरप्रीत कौर के समक्ष आत्मसर्पण कर दिया.
सोमवार को पत्नी व बच्चों के साथ समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किये नक्सली कामेश्वर विंद के संबंध में एसपी ने बताया कि कामेश्वर 2001 से 2008 तक पिपुल्सवार ग्रुप में भभुआ-भगवानपुर का एरिया कमांडर था. इसके उपर 2001 में दवनपुर में हुए हमले होने का आरोप है.
इसमें दो लोग गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. इसके अलावा 2004 में दिनदहाड़े भगवानपुर बाजार में पूरी पार्टी के साथ दवनपुर निवासी तूफानी पासवान पर जानलेवा हमले का भी आरोपित है. एसपी ने बताया कि 2005 में अधौरा पहाड़ी स्थित मुसहरवा बाबा के पास हुए लैंड माइंस विस्फोट के दौरान भी यह नक्सली कमांडर कामेश्वर बैठा के साथ मौजूद था. इस लैंड माइंस विस्फोट के दौरान नक्सलियों ने पुलिस वाहन को अपना निशाना बनाया था. इसमें कई पुलिस वालों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. एसपी का कहना था कि इस मामले में इसके साथी भगवानपुर निवासी फतेह राम जो जेल में है. वहीं दुखी राम नक्सली अभी बेल पर है, जबकि इनका एक सदस्य यूपी के धानापुर निवासी रामपति राम अभी भी पुलिस पकड़ से दूर है.
एसपी ने बताया कि 2001 में नक्सली संगठन के एरिया कमांडर सुभाष राम, देवाशीष राम व रोशन राम के समक्ष कामेश्वर बिंद ने पीपुल्स वार ग्रुप ज्वाइन करते हुए हथियार उठाया था. बीच के कुछ दिनों तक यह परिवार के दबाव में आकर हरियाणा स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास भी चला गया था. उन्होंने बताया कि इसके पूर्व इसके अन्य नक्सली साथी उमा राम, रामसुरत राम, ललन राम, सरीता कुमारी, जमुना चेरो, देवमुनी राम, सभी विनोबानगर व पड़री पतलोइया निवासी में पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दिया था. एसपी ने बताया कि नक्सली के पुनर्वास का प्रयास किया जायेगा. हथियार व कारतूस सरेंडर करने पर नकद कैस भी दिया जायेगा. इसके अलावे इंदिरा आवास के साथ-साथ तीन डिसमिल जमीन तथा स्वयं सहायता के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा.
पत्नी व बेटे की मौत से बना नक्सली : कामेश्वर विंद का नक्सली बनना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. वर्ष 2000 में कामेश्वर विंद की पहली पत्नी बदमी देवी और उसके चार दिन के बेटे की मौत दवनपुर निवासी और अपराधी तूफानी पासवान के चलते हो गयी. कहा जाता है कि अभी जेल में बंद तूफानी पासवान व उसके भाई ज्ञानी पासवान के साथ रहे रामपति व शिवपति ने उसकी पत्नी के साथ दुराचार करते हुए उसे मौत की नींद सुला दिया गया था.
उसके दो दिन बाद ही इसके चार दिन के बेटे की भी मौत हो गयी थी. इस घटना ने कामेश्वर विंद को अंदर तक हिला कर रख दिया और तब के एरिया कमांडर सुभाष राम के कहने पर वह नक्सली संगठन में वर्ष 2001 में शामिल हो गया और 2001 से 2008 तक झारखंड के सीमा से यूपी बार्डर तक हुए कई वारदात मे यह परोक्ष या अपरोक्ष रूप से शामिल रहते हुए कई घटनाओं को अंजाम देता रहा.
2004 में भी किया था आत्मसमर्पण का प्रयास : एसपी हरप्रीत कौर के समक्ष कामेश्वर विंद ने 2004 में भी तत्कालीन एसपी रत्न संजय के समक्ष आत्मसमर्पण को तैयार हुआ था. तब के सूत्रधार रहे भभुआ डीएसपी प्रहलाद बैठा ने उससे संपर्क कर समाज के मुख्य धारा में शामिल होने को लेकर उसे आॅफर दिया था. लेकिन एन वक्त पर डीएसपी प्रहलाद बैठा का स्थानांतरण हो गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement