28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिव्यांग शिक्षकों पर भी हो सकती है कार्रवाई !

जांच. नियोजन के दौरान प्रमाणपत्रों में हेरफेर की आशंका फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में आये दिन नये खुलासे हो रहे हैं. अब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्रों पर कार्यरत शिक्षकों की जांच में जुट गयी है. भभुआ (नगर) : जिले में फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के क्रम में […]

जांच. नियोजन के दौरान प्रमाणपत्रों में हेरफेर की आशंका
फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में आये दिन नये खुलासे हो रहे हैं. अब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्रों पर कार्यरत शिक्षकों की जांच में जुट गयी है.
भभुआ (नगर) : जिले में फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के क्रम में आये दिन नये खुलासे हो रहे हैं. फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अब भी जिले में कई शिक्षक हैं जो ड्यूटी कर रहे हैं. उन फर्जी शिक्षकों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम लगातार चिह्नित करने में लगी है. इसी क्रम में नियोजित शिक्षकों से जुड़े प्रमाणपत्रों में नया खुलासा हुआ है. इसके बाद जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत दिव्यांग शिक्षक/शिक्षिकाओं पर भी गाज गिर सकती है. जिले में कुछ ऐसे भी दिव्यांग शिक्षक/शिक्षिकाएं हैं, जिनके द्वारा अपने नियोजन के दौरान दिव्यांगता प्रमाणपत्र में हेरफेर की गयी है. ऐसे दिव्यांग शिक्षकों द्वारा दिव्यांगता का प्रतिशत बढ़ा कर अपने कागजात के साथ जमा किया गया है.
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक द्विवेदी फणीभूषण द्वारा युद्धस्तर पर किया जा रहा है. श्री भूषण ने बताया कि जिले में कई ऐसे दिव्यांग शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं, जिन्होंने नियोजन के दौरान वरीयता पाने के चक्कर में दिव्यांगता का प्रतिशत बढ़ा कर प्रमाण पत्र जमा किये हैं, जो अपने आप में विरोधाभाषी है.
इसकी जांच की जा रही है. पुलिस निरीक्षक द्विवेदी फणी भूषण ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के वरीय पदाधिकारियों के आदेश के आलोक में फर्जी दिव्यांग शिक्षक /शिक्षिकाओं को चिह्नित करने का काम शुरू हो चुका है. वहीं, ऐसे दिव्यांग शिक्षक/शिक्षिकाओं को पुन: एक बार मेडिकल बोर्ड का सामना करना पड़ सकता है.
इस मामले में भी निचले स्तर से बड़े पैमाने पर हेर-फेर की सूचना प्राप्त हुई है. इस मामले में साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं. उसके बाद संबंधित शिक्षक/ शिक्षिकाओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि 25 से 30 मामले ऐसे हैं जो कि अनौपचारिक 20 फीसदी मार्क्स से संबंधित हैं. इस मामले में भी फर्जी प्रमाणपत्रों की सहायता से शिक्षकों ने अपनी वरीयता बढ़ा कर पेश की है. इस मामले की जांच भी युद्धस्तर पर चल रही है. गड़बड़ी पाये जाने पर इस मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. श्री द्विवेदी ने बताया कि कैमूर जिले से उपलब्ध कराये गये प्राथमिकी शिक्षकों से जुड़े फोल्डर की जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
शिक्षकों के फोल्डर की जांच पूरी सघनता के साथ की जायेगी. फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे किसी भी शिक्षक या शिक्षिका को बख्शा नहीं जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें