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65 मिनट में 10 किलोमीटर दौड़ीं एसपी

पुलिस सप्ताह. अंतिम दिन साथ दाैड़े पुलिस अधिकारी, जवान व आम लोग पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन हुई मैराथन दौड़ में एसपी ने हिस्सा लेकर सबको चौंका दिया. उन्होंने 65 मिनट में 10 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. भभआ (कार्यालय) : शनिवार की सुबह पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन आयोजित […]

पुलिस सप्ताह. अंतिम दिन साथ दाैड़े पुलिस अधिकारी, जवान व आम लोग
पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन हुई मैराथन दौड़ में एसपी ने हिस्सा लेकर सबको चौंका दिया. उन्होंने 65 मिनट में 10 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
भभआ (कार्यालय) : शनिवार की सुबह पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन आयोजित मैराथन दौड में एसपी हरप्रीत कौर ने सबको अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इस दौरान पुरुष व महिला दोनों वर्गों के लिए मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया था.
पुरुष वर्ग के धावकों को भभुआ जगजीवन स्टेडियम से भगवानपुर थाना करीब 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी. वहीं, महिला धावकों को जगजीवन स्टेडियम से भैरोपुर गांव तक पांच किलोमीटर दौड़नी थी. सुबह सात बजे मैराथन के लिए धावकों को रवाना किया गया. इस मैराथन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के आयोजनकर्ता एसपी हरप्रीत कौर ने धावकों को रवाना किया व स्वंय भी उनके साथ दौड़ पड़ी.
आमतौर पर मैराथन दौड़ का आयोजन किसी संस्था या प्रशासन द्वारा कराया जाता रहा है. अक्सर यह देखा जाता है कि मुख्य अतिथि धावकों को मैराथन के लिए झंडी दिखा रवाना कर अपने घर या अन्य निर्धारित कार्यक्रम के लिए रवाना हो जाते हैं या मैराथन की समाप्ति वाले स्थान पर पुरस्कार वितरण के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन, शनिवार को आयोजित मैराथन का नजारा कुछ अलग था. आयोजनकर्ता ही मुख्य अतिथि के साथ एक कुशल धावक भी निकली. मैराथन के लिए धावकों को रवाना करने के बाद एसपी हरप्रीत कौर उनके साथ स्वयं भी दौड पड़ी.
उन्होंने जब पुरुषों के साथ दौड़ना शुरू किया, तो लोगों को ऐसा लगा कि थोड़ी दूर दौड़ने के बाद एसपी पीछे से आ रहे अपने वाहन में बैठ भगवानपुर जायेंगी. लेकिन, लोगों के अनुमान को झुठलाते हुए महिलाओं के लिए मैराथन में निर्धारित अंतिम स्थान जब भैरोपुर पहुंची, तो साथ दौड़ रहे लोग ने यह अनुमान लगाया कि एसपी महिला होने के कारण महिलाओं के लिए निर्धारित समाप्ति स्थल भैरोपुर में अपने वाहन पर बैठ भगवानपुर जायेंगी.
लेकिन, वहां भी एसपी ने सारे कयास को झुठलाते हुए पुरुषों के साथ भैरोपुर से आगे निकल कर पुरुष धावकों को चुनौती देने लगी. खास बात यह रही कि एसपी के साथ दौड़ रहे पुरुष भी उनसे पीछे छुटते नजर आये व थक कर कोई बाइक से, तो कोइ पीछे से आ रहे वाहनों की सवारी कर भगवानपुर पहुंचना उचित समझा. लेकिन, एसपी बिना ब्रेक लिए दौड़ कर 65 मिनट में 10 किलामीटर की दूरी तय कर भगवानपुर पहुंची.
पुलिस सप्ताह के मौके पर आयोजित मैराथन की खास बात यह रही कि दरोगा बहाली के सबसे नये बैच-2009 के बहाल एक भी दरोगा इस मैराथन में हिस्सा नहीं लिया. 1994 बैच के इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने इस मैराथन में दौड़ लगायी. लेकिन, 2009 बैच के एक भी दरोगा को दौड़ में नहीं देखा. एसपी ने सबसे नये बैच के दरोगा को दौड़ में हिस्सा नहीं लेने पर हैरानी जतायी.

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