भभुआ (नगर) : स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि पंचायत चुनाव- 2016 के दौरान मतदान के दिन मतदाताओं की पहचान के लिए प्राथमिक दस्तावेज के रूप में फोटो पहचान पत्र को आधार माना जायेगा.
वहीं, जिन मतदाताओं के निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (वोटर आइ कार्ड) नहीं बन पाये हैं अथवा जो मतदाता विशेष कारणवश अपना फोटो पहचान पत्र मतदान तिथि को पीठासीन पदाधिकारी के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उनके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, 15 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज अपनी पहचान के लिए प्रस्तुत करना होगा.
जिन दस्तावेजों को लेकर जा सकते हैं बूथों पर : इनमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, राज्य या केंद्र सरकार के कार्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय निकाय या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, डाकघरों द्वारा जारी किया गया
फोटोयुक्त पासबुक, जिसका खाता 31 दिसंबर, 2015 तक खोला गया हो, फोटोयुक्त स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र, सक्षम पदाधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति /अनुसूचित जन जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग का फोटोयुक्त जाति प्रमाण पत्र सक्षम पदाधिकारी द्वारा 31 दिसंबर, 2015 तक जारी फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र, 31 दिसंबर 2015 तक जारी फोटोयुक्त शस्त्र लाइसेंस, एमएनआरइजीएस (मनरेगा)राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अधीन 31 दिसंबर 2015 तक जारी फोटो युक्त जॉब कार्ड, फोटोयुक्त संपत्ति दस्तावेज जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत केवाला आदि, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज जैसे पूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, पूर्व सैनिक की विधवा, आश्रित प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन आदेश, विधवा पेंशन आदेश, जो 31 दिसंबर, 2015 तक जारी किया गया हो. इसके अलावा फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना, स्मार्ट कार्ड जो श्रम मंत्रालय द्वारा 31 दिसंबर, 2015 तक जारी किया गया हो.
मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान द्वारा जारी 31 दिसंबर 2015 या उससे पहले का विद्यार्थी के लिए जारी पहचान पत्र तथा आधार कार्ड.
इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी जियाउल्लाह ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, लोग वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर इन 15 दस्तावेजों के माध्यम से वोट डाल सकते हैं. मगर, उपर्युक्त दस्तावेजों की मान्यता तभी होगी, जब वे मूल रूप (ओरिजनल) प्रस्तुत किये जायेंगे. पहचान के लिए दस्तावेज की फोटो कॉपी प्रस्तुत करने पर पीठासीन पदाधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा.
साथ ही पीठासीन पदाधिकारियों को मतदान के समय यह भी निर्देश
दिया गया है कि निर्वाचन पहचान पत्र में पिता, माता, पति का नाम,
लिंग, आयु या पता से संबंधित प्रविष्टियों में मामूली अथवा साधारण विसंगतियों को नजर अंदाज कर निर्वाचकों को मत देने की
अनुमति देंगे.