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बघिनी में नहीं बना हाइस्कूल भवन, पढ़ाई बाधित

बघिनी में नहीं बना हाइस्कूल भवन, पढ़ाई बाधित ठेकेदार ने नींव बंधवाने के बाद से काम बंद कर दिया है. 17 मार्च 2015 को हुआ था निर्माण कार्य शुरू 138 छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर पड़ रहा प्रतिकूल असर भवन के अभाव में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं एक करोड़ 11 लाख रुपये की लागत […]

बघिनी में नहीं बना हाइस्कूल भवन, पढ़ाई बाधित ठेकेदार ने नींव बंधवाने के बाद से काम बंद कर दिया है. 17 मार्च 2015 को हुआ था निर्माण कार्य शुरू 138 छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर पड़ रहा प्रतिकूल असर भवन के अभाव में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं एक करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से होना था सोलह कमरों का निर्माण अनियमितता के कारण लोगों ने निर्माण कार्य पर लगाया था रोकप्रतिनिधि, मोहनिया(सदर) बघिनी पंचायत मुख्यालय स्थित बन रहा हाइस्कूल भवन अपनी अनियमितता के कारण शुरू से ही विवादों के सायो में घिरा रहा. इस स्कूल के निर्माण को दुधारू गाय मान कर निर्माण विभाग के अभियंता व ठेकेदार मनमाने ढंग से दुहना चाहते थे जो गांववालों को रास नहीं आया और लोगों के भारी विरोध के बाद प्रशासन को निर्माण कार्य रोकवाना पड़ा था. इसका खामियाजा अब वर्ग नौ व 10 में पढ़नेवाले 138 छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. कब मिला हाइस्कूल का दर्जाराजकीयकृत मध्य विद्यालय बघिनी को वर्ष 2011-12 में काफी जद्दोजहद के बाद हाइस्कूल का दर्जा प्राप्त हुआ. इसके लिए कुछ लोगों ने अथक प्रयास किया था. उन्हें अपने गांव के खास कर सभी वर्ग के उन गरीब लोगों की बेटियों की पढ़ाई को लेकर चिंता थी. जो अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए आठ किलोमीटर दूर मोहनिया नहीं भेज सकते थे. लेकिन, उनको क्या मालूम था कि आज प्रशासनिक उपेक्षा के कारण उनके बच्चों का भविष्य अंधकार की गर्त में समा जायेगा. कब हुआ था निर्माण कार्य शुरू विगत वर्ष के 17 मार्च को हाइस्कूल भवन का निर्माण कार्य शुरु किया गया. निर्माण कार्य शुरु होते ही इसमे अनियमितताओं का खेल शुरु हुआ. निर्माण करा रहे ठेकेदार के मुंशी ने घटिया सामग्री का प्रयोग करते हुए पिलर में मानक के अनुरुप सरिया भी नहीं लगा कर अधिक से अधिक रुपये बचाने के चक्कर में पड़ गया. इसका परिणाम यह हुआ कि बड़े पैमाने पर बरती जा रही अनियमितता को देख कर गांव के लोग भड़क उठे और मानक के अनुरुप निर्माण कराने पर अड़ गये. मामला ऊपर तक पहुंच गया. बीडीओ ने भी किया था स्थल का निरीक्षणगांववालों की शिकायत पर बीडीओ अरुण सिंह ने भी निर्माण स्थल की जांच अाठ जून 2015 की. इसमें लोगों द्वारा लगाये गये सभी आरोप सही पाये गये थे. इस पर बीडीओ ने स्थल पर उपस्थित मुंशी व अभियंता को कड़ी फटकार लगाते हुए मानक के अनुरुप कार्य करने की शख्त हिदायत दिया था. बीडीओ के स्थल से हटते ही पुनः वहीं स्थिति पैदा हो गयी और लोगों ने अंततः निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया जो अब तक कायम है. 16 कमरों का होना है निर्माणहाइस्कूल भवन में 16 कमरों का निर्माण एक करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से होना है. इसमें ठेकेदार व निर्माण विभाग के अधिकारी, अभियंता निर्माण में बड़े पैमाने पर घटिया सामग्री का प्रयोग कर अधिक रुपये हड़पने की कोशिश में लगे हुए हैं. शायद वे यह भूल गये हैं कि यहां के लोग इस स्कूल के निर्माण को लेकर कितना सतर्क हैं. भवन नहीं बनने से प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं बच्चेहाइस्कूल का भवन नहीं बनने की वजह से वर्ग नौ के 85 व वर्ग 10 के 53 छात्र-छात्रा प्राथमिक विद्यालय के कमरे मे छोटे बच्चों के साथ बैठ कर पढ़ते हैं. इस दौरान छोटे बच्चे इतना शोर मचाते हैं कि इन छात्र-छात्राओं का पढ़ना मुश्किल होता है. लेकिन, ये छात्र-छात्राएं व शिक्षक क्या करें. भवन नहीं बनने से पठन-पाठन को लेकर इनके सामने भी समस्या मुंह फैलाये खड़ी है. ठेकेदार ने नींव बंधवाने के बाद से काम बंद कर दिया है. क्या कहते हैं छात्र-छात्राएंवर्ग 10 के छात्र अर्जुन यादव, जितेंद्र कुमार, अल्ताफ अली, छात्रा रेखा कुमारी, मनीषा कुमारी, नेहा कुमारी व प्रीति कुमारी आदि ने बताया कि हाइस्कूल का भवन नहीं बनने से हम सभी को कमरों के अभाव में छोटे बच्चों के साथ बैठ कर पढ़ना पड़ रहा है. बच्चें इतना शोर मचाते हैं कि शिक्षक क्या पढ़ाते हैं सुनाइ ही नहीं देता है. बोर्ड की परीक्षा देने को लेकर काफी चिंता हो रही है. बनवा दिया गया है रास्ता भवन नहीं बनने से वर्ग नौ व 10 के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. स्कूटिव इंजीनियर विनोद कुमार ने कहा था कि भवन निर्माण स्थल तक रास्ता बनवा दिया जाये, जिससे भवन निर्माण सामग्री को वहां तक पहुंचाया जा सके. उनके कहने पर रास्ता भी बनवा दिया गया है. इसके बावजूद अब तक भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया है. दीनानाथ राम, प्रधानाध्यापक – क्या कहते है स्कुटिव इंजीनियर कार्य एजेंसी को भवन निर्माण के लिए गाइड लाइन दे दिया है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.विनोद कुमार रंजन, स्कुटिव इंजीनियर फोटो:-1. निर्माणाधीन हाइ स्कूल भवन

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