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स्कूल का पैसा गबन करनेवालों पर दर्ज करायें प्राथमिकी

भभुआ (नगर) : स्कूल भवन निर्माण के नाम पर पैसे की निकासी कर लेने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं कराने वाले हेडमास्टरों व सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज होगी. साथ ही साथ सर्टिफिकेट केस भी होगा. स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार लायें अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उक्त बातें मंगलवार को […]

भभुआ (नगर) : स्कूल भवन निर्माण के नाम पर पैसे की निकासी कर लेने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं कराने वाले हेडमास्टरों व सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज होगी. साथ ही साथ सर्टिफिकेट केस भी होगा. स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार लायें अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
उक्त बातें मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक में कही. डीएम ने शिक्षा विभाग से चल रही सभी योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की. डीएम ने सख्त निर्देश देते हुए यह निर्देश दिया की सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं. लेकिन, उसका असर धरातल पर दिखाई नहीं पड़ रहा. कई जगहों से शिकायतें भी मिल रही हैं. इन चीजों को जल्द से जल्द ठीक करें और अपने कामकाज की शैली में परिवर्तन लायें.
एमडीएम योजना का मिले पूरा लाभ : एमडीएम योजना किसी भी सूरत में बंद नहीं होनी चाहिए. डीएम ने कहा कि जिन विद्यालयों में एमडीएम नहीं बन रहा उसकी पूरी लिस्ट तैयार करें. कहीं चापाकल बंद है, तो कहीं सचिव का विवाद. इन समस्याओं को तुरंत सुलझायें, ताकि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को इस योजना का पूरा लाभ मिले. मोहनिया प्रखंड के तीन स्कूलों से बरतन चोरी हो जाने की वजह से एमडीएम बंद होने की बात कही गयी. इस पर डीएम ने इस समस्या को जल्द पूरा कर एमडीएम चालू करने की बात कही.
निरीक्षण के समय में बदलाव का दिया निर्देश : डीएम ने डीइओ व सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को स्कूलों की नियमित जांच करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि स्कूल समय से खुल रहे हैं या नहीं और स्कूल के बंद होने के समय का भी ख्याल रखें.
स्कूल में शिक्षक समय से पहुंचे. डीएम ने सभी बीइओ को निर्देश दिया कि अपने क्षेत्राधीन स्कूलों में प्रतिदिन पांच विद्यालयों का निरीक्षण करें. स्कूल निरीक्षण दो बार करें. एक सुबह नौ से 10 बजे के बीच व शाम को तीन से चार बजे के बीच, ताकि यह निश्चित किया जा सके की स्कूल समय से खुल रहे हैं और बंद हो रहे हैं या नहीं.
दिन में दो बार करें स्कूल का निरीक्षण : राष्ट्रीय स्वास्थ्य जांच योजना के अंतर्गत सभी स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूली बच्चों का हेल्थ चेकअप कर हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है. इसके लिए हर ब्लॉक की टीम गठित की गयी है, जिसमें दो डॉक्टर, नर्स के साथ पूरी टीम स्कूलों में पहुंच रही है.
डीएम ने जब इस बात की जानकारी ली तो शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों ने इस संबंध में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की. सभी बीइओ का कहना था कि हमें इस मामले में कोई जानकारी नहीं.डीएम ने शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश दिया. इस दौरान डीडीसी सुनील कुमार,जिला योजना पदाधिकारी मुकेश कुमार, डीइओ रेखा कुमारी, डीपीओ स्थापना
देवविंद कुमार, सर्वशिक्षा डीपीओ व जेई मौजूद थे.
भवन निर्माण में लापरवाही बरतनेवालों भी करें कार्रवाई
डीएम द्वारा जिले में स्कूल भवन निर्माण की गहन समीक्षा की गयी. उन्होंने सभी प्रखंडों के बीइओ से उनके कार्य क्षेत्र में होनेवाले स्कूल भवन निर्माण की प्रगति और उसमें आनेवाली रूकावट के बारे में विस्तृत जानकारी ली. साथ ही भवन निर्माण कार्य व अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण का काम पूरा करने के लिए समय सीमा भी निर्धारित की. वहीं स्कूल भवन निर्माण कार्य से जुड़े सभी प्रखंडों के जेई से भी इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की.
समीक्षा के क्रम में कई स्कूलों के भवन निर्माण के काम में यह बात सामने आयी कि स्कूल भवन निर्माण के नाम पर सरकार द्वारा आवंटित रुपये तो हेडमास्टरों व सचिवों ने निकाल लिये, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं करवाया गया. डीएम ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जतायी. साथ ही यह निर्देश दिया कि रुपये निकाल कर भवन निर्माण का पैसा गबन करने वाले हेडमास्टर व सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज करें. साथ ही इन मामलों पर सर्टिफिकेट केस भी दर्ज करें.
डीएम ने कहा कि सात से आठ वर्षों से कई स्कूलों के भवन निर्माण का कार्य बाधित है, जो कि हर तरह से इनकी कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करता है. साथ ही भवन निर्माण के जिन जगहों पर भूमि उपलब्ध नहीं है या वहां की भूमि अतिक्रमण की चपेट में है वहां के संबंधित प्रखंडों के सीओ से मिल कर तुरंत इसकी रिपोर्ट सौपें.
वहीं डीएम ने जिले में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बन रहे स्कूल भवन के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर न होने की मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही इस पद पर बहाली की बात कही. डीएम ने सभी जेई व बीइओ को निर्देश दिया कि स्कूल भवन निर्माण का भी निरीक्षण करें व उसकी फोटो खींच कर विभाग के डीपीओ को दें.

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