– विकास कुमार –
भभुआ (कार्यालय) : कैमूर राज्य का पहला जिला है, जहां डीएम, एसडीओ, डीसीएलआर, सीओ समेत अन्य अधिकारियों ने पहली बार गांव में जाकर कोर्ट लगाया और दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद गांव में गठित समिति के सहयोग से ऑन स्पॉट फैसला सुनाते हुए मामले का निबटारा किया.
रामपुर प्रखंड के 30 गांवों में कोर्ट लगाने के लिए अलग-अलग अधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये थे. इस कोर्ट में भूमि विवाद, अतिक्रमण एवं 107 के मामलों की सुनवाई की गयी. सबसे पहले सभी अधिकारियों को डीएम अरविंद कुमार सिंह ने मामले के सुनवाई की प्रक्रिया बतायी और उसके सभी अधिकारी प्रतिनियुक्त गांव में जाकर मामले की सुनवाई की.
डीएम ने अपना कोर्ट पसाई पंचायत के बिछियां गांव में लगाया. बिछियां गांव में डीएम,जीपी सहित दोनों पक्ष के लोग शामिल हुए. उक्त गांव में 1992 से लगभग 80 वर्षीय चंद्रभान तिवारी अपनी जमीन के लिए डीएम के कोर्ट में लड़ रहे थे.
इस मामले में सुनवाई के दौरान डीएम ने पहले विवादित भूमि का स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद डीएम के सामने चंद्रभान तिवारी ने बताया कि उनके जमीन सरकारी जमीन में चला गया है. वहीं, दूसरा पक्ष राजवंश तिवारी, उमाशंकर तिवारी, पारस तिवारी, जगरूप हरिजन ने तालाब पर अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है.
डीएम ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद सर्वसाधारण तालाब की जमीन तीन एकड़ ,9 डिसमिल को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने एवं कब्जाधारियों से दंड की राशि वसूल कर सर्टिफिकेट केस करने तथा चंद्रभान तिवारी की वास्तविक जमीन की नापी करा वापस दिलाने का फैसला दिया.
कब्जा किये गये तालाब को पुन: तालाब का स्वरूप देने का फैसला सुनाया गया. शाम तक तीस गांवों में कुल 71 मामलों की सुनवाई की गयी, जिसमें 44 मामला का ऑन स्पॉट निबटारा किया गया. इसमें 15 एकड़, नौ डिसमिल भूमि बिहार सरकार वापस करायी गयी. इसमें 12 एकड़ भूमि खजूरा में एवं तीन एकड़ नौ डिसमिल बिछियां गांव में लोगों ने कब्जा कर रखा था.