भभुआ (नगर) : जिले के प्लस टू स्कूलों व कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटकता दिखायी पड़ रहा है. इन संस्थानों में शिक्षकों का अभाव बना हुआ है. इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है. पर्याप्त शिक्षकों की बहाली न होने से इंटर में एडमिशन करानेवाले छात्र जैसे-तैसे अपना कोर्स पूरा करने को विवश हैं. शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए सरकार द्वारा वादे तो बहुत किये जाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से पढ़ाई के स्तर में सुधार के लिए किये जानेवाले प्रयास जिले के प्लस टू स्कूल व कॉलेजों में धरातल पर उतरते नहीं दिखाई पड़ रहे.
अपग्रेड स्कूलों का बुरा हाल: सरकार द्वारा विगत वर्षों में कई माध्यमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर प्लस टू का दर्जा दे दिया गया. कई जगहों पर पढ़ाई शुरू भी हो गयी, तो कई स्कूलों में मूलभूत संसाधनों के अभाव में पढ़ाई शुरू हुई. अपग्रेड स्कूल में प्लस टू स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति की बात करें तो अब तक कई स्कूलों में एक भी शिक्षक की बहाली नहीं हुई.
कहीं-कहीं तो स्कूलों में इंटर में स्टूडेंट्स का एडमिशन तो कर लिया गया, लेकिन पढ़ाई कैसे पूरी होगी इसकी व्यवस्था के लिए कोई पहल नहीं की गयी. जिले में कुल 61 प्लस टू स्कूलों व 13 कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई की सुविधा है, लेकिन इन संस्थानों में जरूरत के हिसाब से टीचरों की नियुक्ति अब तक नहीं होने से यहां एडमिशन कराये स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई जैसे तैसे पूरी कर परीक्षा की तैयारी में हैं.