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कैमूर में 35 साल में मात्र एक महिला विधायक

कैमूर में 35 साल में मात्र एक महिला विधायक फ्लैग….. आधी अबादी का सवाल. विधानसभा चुनाव में 61 प्रत्याशियों में मात्र दो महिला प्रत्याशी 1980 में कांग्रेस से प्रभावती सिंह को मिली थी जीत इस बार महिला वोटरों की संख्या में एक लाख का हुआ इजाफा, पर उम्मीदवारों की संख्या नाम मात्र प्रतिनिधि, भभुआ (सदर) […]

कैमूर में 35 साल में मात्र एक महिला विधायक फ्लैग….. आधी अबादी का सवाल. विधानसभा चुनाव में 61 प्रत्याशियों में मात्र दो महिला प्रत्याशी 1980 में कांग्रेस से प्रभावती सिंह को मिली थी जीत इस बार महिला वोटरों की संख्या में एक लाख का हुआ इजाफा, पर उम्मीदवारों की संख्या नाम मात्र प्रतिनिधि, भभुआ (सदर) पिछले 35 वर्षों से कैमूर से किसी महिला प्रत्याशी के विधानसभा तक पहुंचने का अब भी इंतजार है. विधानसभा चुनाव में आधी आबादी की भागीदारी हमेशा से हासिये पर रही है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे 61 प्रत्याशियों में मात्र दो महिला प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमां रही हैं, जबकि गत विधानसभा चुनाव से इस चुनाव में महिला वोटरों की संख्या में लगभग एक लाख का इजाफा हुआ है. गौरतलब है कि महिला सशक्तीकरण के इस दौर में राजनीतिक गलियारों से लेकर सामाजिक गलियारे तक महिलाओं को आरक्षण देने की वकालत हो रही हैं. लेकिन, जब मामला कांटे पर आता है, तो यह हलक के अंदर पैतरा बदल कर सिमट जाती है. कैमूर में आजादी के बाद अब तक वर्ष 1980 में कांग्रेस से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से प्रभावती सिंह ने जीत दर्ज की थी. लेकिन, उसके बाद किसी महिला को विधायक बनने का मौका नहीं मिला. वर्ष 2010 में प्रभावती देवी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, पर सफलता नहीं मिली. वहीं, भभुआ, मोहनिया व चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से तो आज तक किसी महिला प्रत्याशियों को जीत नहीं मिली. जिले से अब तक चुने गये 58 विधायकों में मात्र एक महिला विधायक बनीं. जहां तक टिकट देने की बात है, तो महिलाओं को टिकट देने में बड़े दलों से लेकर अन्य दल भी परहेज करते रहे हैं. वर्तमान विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन से लेकर एनडीए व वाम दलों ने भी महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में रुचि नहीं दिखायी है. सिर्फ भभुआ विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने नीतू चंद्र यादव को टिकट दिया है. वहीं, इसी विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने पूर्व जिला पार्षद पूनम सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है, जबकि अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों से किसी महिला प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिला है. 2010 में भभुआ में बसपा से विजया लक्ष्मी, निर्दलीय ममता देवी, दुलारी देवी, मोहनिया से वामदल की तेतरा देवी, रामगढ़ से बसपा की डॉ प्रभावती देवी, निर्दलीय मालती गुप्ता व चैनपुर से निर्दलीय सुमन देवी व धुनिया देवी सहित आठ महिला उम्मीदवार मैदान में थीं. जहां तक महिला मतदाताओं की बात है, तो वर्ष 2005 के चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या चार लाख एक हजार 672 थी. वर्ष 2010 में यह संख्या घट कर तीन लाख 90 हजार 644 तक जा पहुंची. इस बार के चुनाव में यह संख्या पुन: चार लाख 88 हजार 716 हो चुकी है. अब देखना यह है कि इस बार दौड़ में बनी दो महिला प्रत्याशियों का भाग्योदय होता है या फिर से आधी आबादी को अगले चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा. .फोटो….. 13.महिला प्रत्याशी पूनम कुशवाहा व नीतू चंद्र यादव की तस्वीर

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