भभुआ (नगर) : जिले के निजी स्कूलों के बसों द्वारा नियमों की काफी अनदेखी की जा रही है़ स्कूलों में बच्चों को लाने व ले जाने के लिए बसों के अलावा छोटी वाहनों का भी प्रयोग किया जा रहा है़ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. स्कूली बसों के ड्राइवर गाड़ियों की निर्धारित गति सीमा (40 किमी प्रतिघंटा) की धज्जियां उड़ा रहे हैं बच्चों को जल्दी-जल्दी घर व स्कूल छोड़ने के लिए ड्राइवर धड़ल्ले से तेज गति से वाहन दौड़ा रहे हैं. अधिकतर स्कूली बसों में मेडिकल किट भी नहीं होता़ आग से निबटने वाले यंत्र की भी कोई व्यवस्था नहीं होती है. बसों में अच्छे लॉक की भी व्यवस्था नहीं होती है.
अधिक लाभ व कम समय में ज्यादा बच्चों को घरों से स्कूल पहुंचाने के चक्कर में वाहन चालक क्षमता से अधिक बच्चों को गाड़ियों में बैठाते हैं. इस बात की फिक्र न तो स्कूल प्रशासन को है और न ही वाहन चालकों को. सबसे बड़ी विडंबना यह है कि वाहन चालक निर्धारित गति सीमा का भी पालन नहीं करते़ इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. परिवहन विभाग द्वारा भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा़ विभाग का दावा है कि समय-समय पर अभियान चला कर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. लेकिन, दावे के अनुसार हकीकत कुछ और बयां करती है. परिवहन पदाधिकारी अनिमेष कुमार ने बताया कि अभियान चला कर स्कूल वाहनों की कड़ाई से जांच की जायेगी.