कुसुम कुमारी कैमूर जिले के महोनिया चांदनी चौक चौधरी कॉलोनी निवासी एसडीएम जनार्दन सिंह की पुत्री थीं. वहीं चालक मुफस्सिल थाने के बिंदुसार गांव का रहनेवाला था. घटना के बाद आक्रोशित लोग घटनास्थल पर मानव सहित रेलवे क्रॉसिंग बनाने की मांग को लेकर अप व डाउन दोनों लाइनों को जाम कर प्रदर्शन करने लगे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भंटा पोखर गांव की ओर से कुसुम कुमारी दौरा कर सीवान की ओर अपने वाहन से लौट रही थीं. इसी क्रम में अखैनिया गांव के समीप मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग 95-सी/इ-2 पर सीवान की ओर से आ रही 15027 अप मौर्य एक्सप्रेस से उनकी गाड़ी टकरा गयी. ट्रेन से टकराने के बाद करीब दो सौ मीटर तक ट्रेन के इंजन में फंस स्कॉर्पियो घसीटती रही, उसके बाद दाहिनी तरफ खड्ड में जा गिरी. तेज आवाज होने पर गांव के लोग मौके पर पहुंचे तथा दोनों लोगों को स्कॉर्पियो से निकाला, लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी.
इस घटना के बाद गांव के लोग आक्रोशित हो गये तथा मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग बनाने की मांग को लेकर दोनों ट्रैक को जाम कर दिया. घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ, जीआरपी, पीडब्ल्यूआइ, मुफस्सिल थानाप्रभारी, सीवान सदर सीओ, एसडीओ दुर्गेश कुमार, एएसपी अशोक कुमार सिंह सशस्त्र बलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा लोगों को समझा-बुझा कर जाम समाप्त कराया. इधर हादसे की जानकारी मिलते ही मोहनिया से कुसुम की मां सीवान के लिए रवाना हो गयीं.