मोहनिया : 25 व 26 अप्रैल व 11 मई का को आये भूकंप से लोगों की आंखों में खौफ का मंजर था. लाख कोशिश के बावजूद भी यह भूलने की बात नहीं है. इस दिन पूरे सूबे का हर लोग अफरातफरी में थे. इसके बावजूद भी लोग नहीं चेते.
मोहनिया शहर में कंक्रीट की कई मंजिले भवन बनाने का सिलसिला जारी है. बेतरतीब फैलाव के क्रम में नियोजित शहरीकरणी के कायदे कानूनों का पालन कराना शासन प्रशासन ने शायद भुला दिया है. इसके लिये आम आदमी से लेकर शासन प्रशासन तक जिम्मेवार है. यहीं वजह है कि नगर पंचायत क्षेत्र में नक्शा पास कराने में अनदेखी की जा रही है. स्थिति यह है कि शहर में लोग कई मंजिले भवनों का निर्माण करना शुरू कर देते हैं और नक्शा पास का प्रारूप बाद में जमा होता है.
लिहाजा पूरा नगर क्षेत्र अनाधिकृत कॉलोनियों में बदल गया है न रास्ते हैं न नालियां और न ही कई मुहल्लों में खुली जगह. हालात बद से बदतर हो गये हैं. इससे नगर पंचायत के राजस्व की क्षति हो रही है.
शहर में कायदे से कोई मकान नहीं बन रहा है. मकान बनाने के दौरान रास्ता तक नहीं छोड़े जाते. स्थानीय लोगों के अलावा वार्ड पार्षदों ने बताया कि बिना नक्शा पास कराये ही मकान बनाये जाते हैं. शहर में भवनों की ऊंचाई की कोई तय सीमा नहीं है.