उन्होंने बताया कि सिंचित जमीन पर जहां फसल की क्षति हुई है. वहां 13 हजार 5 सौ व असिंचित जमीन के लिए 68 सौ रुपया प्रति हेक्टेयर क्षतिपूर्ति दिया जायेगा. एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर फसल क्षति का ही मुआवजा दिया जायेगा. वहीं वार्षिक फसल के लिए 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जायेगा. सभी किसानों के खाते में आरटीजीएस व एनइएफटी के जरिये रुपये भेजे जायेंगे.
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अधिकतम दो हेक्टेयर फसल का ही मिलेगा मुआवजा
भभुआ (कार्यालय): ओलावृष्टि, आंधी व बेमौसम बरसात से बरबाद हुई फसल का मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन फसल क्षति के आकलन में जुट गया है. शनिवार को डीएम प्रभाकर झा सहित सभी वरीय उपसमाहर्ता व कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रखंडवार भ्रमण कर फसल क्षति का आकलन किया. डीएम […]
भभुआ (कार्यालय): ओलावृष्टि, आंधी व बेमौसम बरसात से बरबाद हुई फसल का मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन फसल क्षति के आकलन में जुट गया है. शनिवार को डीएम प्रभाकर झा सहित सभी वरीय उपसमाहर्ता व कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रखंडवार भ्रमण कर फसल क्षति का आकलन किया. डीएम ने चांद, चैनपुर, मोहनिया, दुर्गावती व भभुआ के कई जगहों पर जाकर फसल क्षति के आकलन में लगे अधिकारियों व किसानों से मिल कर जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया. डीएम ने बताया कि सबसे ज्यादा क्षति चांद ब्लॉक में हुई है.
क्या-क्या देने होंगे कागजात: जिन किसानों के फसल की क्षति हुई है, वह अपने किसान सलाहकार से क्षति का आकलन करा उनके द्वारा दिये जाने वाले आवेदन फॉर्म को भर कर देंगे. साथ ही बैंक खाते की फोटो कॉपी, कैंसल चेक, लगान रसीद व पहचान पत्र देंगे. किसानों द्वारा दिये गये दस्तावेज व अधिकारियों द्वारा क्षति के किये गये आकलन के आधार पर सीधे किसानों के खाते में रुपये भेजा जायेगा. डीएम ने बताया कि हर हाल में किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि दी जायेगी. इसमें लापरवाही या गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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