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स्वयं सुधर जाएं, नहीं तो अगली बार सुधार दिये जायेंगे

मरीजों से जाना हाल, तो दिये जानेवाले खाने की ली तस्वीर टेबल पर पैर चढ़ा बैठी नर्स को लगायी कड़ी फटकार भभुआ सदर : भभुआ सदर अस्पताल में इधर लगातार मिल रही दलाली व कुव्यवस्था की शिकायत पर शुक्रवार को भभुआ एसडीएम कुमारी अनुपमा सिंह ने अपनी पोस्टिंग के बाद पहली बार डीएम नवल किशोर […]

मरीजों से जाना हाल, तो दिये जानेवाले खाने की ली तस्वीर

टेबल पर पैर चढ़ा बैठी नर्स को लगायी कड़ी फटकार
भभुआ सदर : भभुआ सदर अस्पताल में इधर लगातार मिल रही दलाली व कुव्यवस्था की शिकायत पर शुक्रवार को भभुआ एसडीएम कुमारी अनुपमा सिंह ने अपनी पोस्टिंग के बाद पहली बार डीएम नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ओपीडी में महिला व पुरुष डॉक्टर कक्ष, इमरजेंसी, प्रसव वार्ड का निरीक्षण किया. इसमें अस्पताल में व्यवस्था व चल रहे दलाली के खेल खुल कर सामने आ गया.
एसडीएम ने लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सभी स्पष्ट समझ लें और सदर अस्पताल में मरीजों को बरगला कर दलाली व कमीशनखोरी को तत्काल बंद करें अन्यथा अब उनकी किसी भी लापरवाही पर उनसे स्पष्टीकरण की जगह कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अब चाहे वह कर्मी हो या फिर डॉक्टर या अन्य अधिकारी. उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला निरीक्षण है यह बता देना चाहती हूं कि आज मैं उनके दायित्वों को याद दिलाने व समझाने आयी हूं कि अपनी पुरानी आदतों में सुधार लाते हुए मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायें अन्यथा अगली बार से निरीक्षण में हिदायत नहीं सीधे कारवाई की जायेगी.
आशा व ममता के साथ बैठक कर दी कड़ी हिदायत : एसडीएम ने निरीक्षण के बाद सदर अस्पताल में मौजूद आशा व ममता के साथ अस्पताल उपाधीक्षक की मौजूदगी में बैठक की. बैठक में एसडीएम ने कहा कि अस्पताल में दलाली सहित कई तरह की शिकायत लगातार मिल रही है. आपलोगों से साफ तौर पर कह देना चाहती हूं कि आज से पूरी तरह बंद हो जाना चहिए अन्यथा आप कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. लगातार निरीक्षण करूगीं, अगली बार समझाने के बजाये कार्रवाई करूंगी. आप लोग अपने अपने ड्रेस व आईकार्ड में कल से नजर आयेंगी.
सात से 10 बजे तक प्रोत्साहन राशि व टीकाकरण का होगा काम : एसडीएम ने निर्देश दिया के गर्मी काफी है. ऐसे में गर्मी के दिनों में जननी बाल सुरक्षा के कागजी कार्रवाई व टीकाकरण के लिए मां व बच्चों को 10 बजे के बाद न बलाएं, बल्कि यह काम 7 से 10 बजे के बीच करें इसके लिए संबंधित कर्मी अपने अस्पतालों 7 से 10 बजे के बीच सुबह में मौजूद रहें, ताकि बच्चे या मां का गर्मी के कारण तबीयत खराब न हो.
अस्पताल प्रबंधक को दी चेतावनी
एसडीएम ने अस्पताल परिसर में लाखों रुपये से बने पोस्टमार्टम हाउस का भी जायजा लिया और वहां की बदहाल स्थिति पर नाराज हो गयी. पीएम हाउस में सभी कमरे खाली मिले. जबकि, कोरिडोर में पोस्टमार्टम करने की जानकारी मिली. अस्पताल के बाहरी परिसर में गंदगी और टूटी पाइप से गिरते गंदे पानी पर अस्पताल प्रबंधक को कार्रवाई करने की चेतावनी दी. इससे भी बुरा हाल उस वक्त हुआ जब एसडीएम पुरुष व महिला भर्ती वार्ड के शौचालयों की जांच करने पहुंची, तो वहां फैली गंदगी और दुर्गंध से उन्हें भी विचलित हो जाना पड़ा और मजबूरन नाक पर रूमाल रख कर वापस लौट जाना पड़ा.
सर्जन डॉक्टर कक्ष में उल्टी पड़ी मिलीं कुर्सियां
निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम ओपीडी में पहुंची एसडीएम ने दोपहर करीब 12 बजे बाहरी परिसर में स्थित दवा काउंटर से मरीजों से मिल कर मिलने वाले दवाओं के बारे में पूछा और पता किया कि काउंटर से मरीजों को जरूरी दवाइयां मिल पाती हैं या नहीं. इसके अलावे ओपीडी के अंदर प्रवेश कर वहां मौजूद मरीजों से पूछा कि डॉक्टर द्वारा जो दवाइयां या जांच लिखे जाते हैं, वह किसके कहने पर कराते हैं. जांच के दौरान जब एसडीएम सर्जन कक्ष में पहुंची तो वहां डॉक्टर नदारद थे
. जबकि,वहां रखीं कुर्सियां भी उल्टी रखी हुई थीं. उन्होंने इस पर अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही की बात कही. ओपीडी के महिला डॉक्टर कक्ष की जांच करने पहुंची एसडीएम ने वहां इलाज के लिए बैठी महिलाओं से पूछा कि उन्हें जांच के लिए किसी दलाल या आशा बहका कर बाहर जांच तो नहीं करवाती. इस पर महिला मरीजों ने कहा कि वह सब पहली बार यहां इलाज कराने आयी हैं. इसलिए उन्हें इस बारे में नहीं पता. लेकिन,वहां बैठी कुछ पुरानी मरीजों ने कहा कि उन्हें उनके आशा ने बहकाने का प्रयास किया था और उनकी जांच और कुछ दवा बाहर से लाया गया था. उन्होंने अस्पताल में कमीशनखोरी और दलाली बंद करने के लिए जल्द ही स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय मीटिंग रखने की बात कही.
बिना ड्रेस के मिली नर्स
ओपीडी में उस वक्त एसडीएम को आश्चर्यचकित हो जाना पड़ा. जब, वह वार्ड में पहुंची. देखा कि वहां एक जीएनएम महिला नर्स बिना ड्रेस के बाजापते कुर्सी पर पैर चढ़ा बैठी है. एसडीएम ने जब उस महिला नर्स से उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम सोनिया राहुल व शांति कुमारी बताया. इस पर उन्होंने दोनों का नाम डायरी पर नोट करते हुए उन्हें ड्यूटी आवर में ऐसे बैठे होने पर कड़ी फटकार लगायी.
कल से बिना ड्रेस व आईकार्ड के आने पर अस्पताल में प्रवेश पर रहेगी रोक
निरीक्षण के दौरान एसडीएम पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंची, तो वहां की स्थिति और बदतर मिली. उन्होंने एक कर्मी को जीस व टी-शर्ट में देख कर कहा अस्पताल हिरोगिरी दिखाने की जगह नहीं है. अगर कल से अस्पताल में ड्रेस व आईकार्ड में नहीं आये, तो प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. निरीक्षण के वक्त केंद्र में मात्र दो बच्चे ही भर्ती मिले. इसके अलावा सामुदायिक उत्प्रेरक भी गायब मिला. इसके अलावा जब स्वास्थ्यकर्मियों से रोस्टर मांगा गया, तो वह भी उपलब्ध ना कराया जा सका. उन्होंने वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में कम से कम 20 बच्चे होनी चाहिए. उन्होंने इसके लिए उत्प्रेरक को हर रोज कम से कम 10 आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण करने को कहा और जिन केंद्रों पर वह पहुंचे वहां का रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए. साफ शब्दों में उन्होंने कहा कि मैं ड्यूटी नहीं लिखना चाहती. उसके आगे बढ़ कर मरीजों के प्रति संवेदनशीलता देखना चाहती हूं.

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