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शहर में जरा संभल कर चलें, कहीं लटके होर्डिंग-बैनर से हो न जाएं घायल

शहर की हर गली और चौराहे पर लटकाये गये हैं होर्डिंग-बैनर मानक के विपरीत लगे होर्डिंग-बैनर बन रहे दुर्घटना का कारण भभुआ सदर : शहर में बिना मानक के अवैध रूप से लगे होर्डिंग न सिर्फ शहर को गंदा कर रहे हैं, बल्कि दुर्घटना का सबब भी बन रहे हैं. हालत यह है कि शहर […]

शहर की हर गली और चौराहे पर लटकाये गये हैं होर्डिंग-बैनर

मानक के विपरीत लगे होर्डिंग-बैनर बन रहे दुर्घटना का कारण
भभुआ सदर : शहर में बिना मानक के अवैध रूप से लगे होर्डिंग न सिर्फ शहर को गंदा कर रहे हैं, बल्कि दुर्घटना का सबब भी बन रहे हैं. हालत यह है कि शहर में जिधर देखिए, उधर खुले आसमान की जगह, बिजली के खंभों पर किसी नेताजी का चेहरा टंगा दिखता है या फिर कोई कोचिंग या मॉल चलानेवाला मुफ्त में अपना प्रचार करता दिखता है.
छूट ऐसी है कि जो जहां उसका मन चाहे, वहीं अपनी होर्डिंग पोस्टर लगा लें. इस लापरवाही के कारण कई सड़कों और मोड़ पर अक्सर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, शहर को विज्ञापन होर्डिंग और पोस्टरों से गंदा करनेवाले हैं कि मानते नहीं और न ही इसके प्रति जवाबदेह भभुआ नगर पर्षद और मोहनिया नगर पंचायत के अधिकारी कोई कार्रवाई का कदम उठाते हैं. अगर चल रही तेज हवाओं के बीच यदि आप गुजर रहे हों, तो जहां-तहां लगाये गये होर्डिंग आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
भभुआ या मोहनिया शहर के सभी मुख्य जगहों पर नेताजी व कोचिंगवालों का कब्जा : अब भभुआ हो या मोहनिया शहर विज्ञापन बोर्ड और होर्डिंग की स्थिति यह है कि नेता जी और कोचिंगवालों का शहर के सभी मुख्य जगहों पर कब्जा रहता है. यहां तक कि शहर के दीवारों व भवनों पर भी इनका कब्जा है. इसके चलते ग्रीन सिटी के नाम से मशहूर शहर भी गंदा और अटपटा दिखायी पड़ता है. शहर के कई एरिया में तो होर्डिंग इस तरह से पटे हुए हैं कि उस एरिया में होर्डिंग के कारण कुछ दिखता ही नहीं है.
खास कर एकता चौक, पटेल चौक, जेपी चौक, कैमूर स्तंभ, मोहनिया का रेलवे स्टेशन रोड या फिर स्टूवरगंज का एरिया ऐसे मुख्य जगहों पर इतने विशाल और छोटे होर्डिंग लगे हुए हैं कि अगर खुदा न खस्ते कोई दुर्घटना हो जाये, तो फिर ऊपरवाला ही मालिक है. एकता चौक से कचहरी रोड होते हुए पटेल चौक के अंतिम छोर तक बीच सड़क पर खड़े बिजली के खंभों पर नये खुले मॉल और कोचिंग सेंटरवालों के लगाये गये होर्डिंग पोल से सरकते हुए नीचे आ गया है और आने-जानेवाले लोग अक्सर उससे दुर्घटना का शिकार हो जा रहे हैं.
वैसे भी शहर में होर्डिंग लगाने के लिए कोई नियम ही नहीं है, जहां लोग चाहते हैं वहीं टांग देते हैं. कुछ दिन पहले कुछ लोग एकता चौक के पास आये और पहले से गड़े खंभे पर नेता जी की होर्डिंग टांग दिया. अब स्थिति यह है कि लोग इस होर्डिंग को देखने के चक्कर में घायल हो रहे हैं.
नियमों के अनुसार ही लगेंगे होर्डिंग-बैनर : इस मामले में नगर पर्षद ईओ अनुभूति श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी है. ट्रैफिक सेंस के मापदंड को शहर में लगे होर्डिंग-बैनर पूरे नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर जल्द ही बैठक बुलायी जायेगी. टेंडरधारी को निर्देशित किया जायेगा कि वह नियमों के अनुसार ही होर्डिंग-बैनर लगवाये. नियमों का पालन नहीं करनेवाले होर्डिंग को अतिक्रमण मानते हुए उसे हटवाया जायेगा.
होर्डिंग की गाइडलाइन
सड़क से 100 मीटर के दायरे में न हो होर्डिंग-बैनर
टर्न, तिराहा, चौराहे पर ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न न हो
दृष्टिबाधित न हो
हरे पेड़ होर्डिंग से न दबे
बिजली की हाईटेंशन लाइन न गुजरा हो
पुराना भवन पर होर्डिंग नहीं लगी हो
लोहे के स्ट्रक्चर का इंजीनियर का प्रमाणपत्र
भवन की छत के 50 व 60 प्रतिशत हिस्से पर ही होर्डिंग लगा हो

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