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अब छात्रों की डायरी में अभिभावक लिखेंगे स्वच्छता पर अपना मंतव्य

सुबह प्रार्थना के बाद छात्रों को पढ़ाया जायेगा स्वच्छता का पाठ छात्रों के जरिये स्वच्छता व शौचालय के लिए लोगों को किया जायेगा जागरूक डीएम ने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को हर माह 10 स्कूलों के निरीक्षण का दिया टास्क भभुआ कार्यालय : जिले में स्वच्छता अभियान व शौचालय के इस्तेमाल को लेकर […]

सुबह प्रार्थना के बाद छात्रों को पढ़ाया जायेगा स्वच्छता का पाठ
छात्रों के जरिये स्वच्छता व शौचालय के लिए लोगों को किया जायेगा जागरूक
डीएम ने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को हर माह 10 स्कूलों के निरीक्षण का दिया टास्क
भभुआ कार्यालय : जिले में स्वच्छता अभियान व शौचालय के इस्तेमाल को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन अब स्कूली छात्रों को अपने मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया. स्वच्छता व शौचालय के इस्तेमाल को लेकर अभी तक सरकार व प्रशासन द्वारा किये गये प्रयास का अब तक अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के कारण डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने स्कूली छात्रों के जरिये अभिभावकों को स्वच्छता व शौचालय निर्माण के साथ-साथ उसके इस्तेमाल को सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया है.
इसके तहत शनिवार को हुई बैठक में डीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना के बाद छात्रों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएं. स्वच्छता से क्या-क्या फायदे हैं, साथ ही शौचालय का निर्माण व इस्तेमाल नहीं करने से क्या-क्या नुकसान है, इसकी विस्तृत जानकारी दें. इसके साथ ही छात्र-छात्राएं स्कूल में स्वच्छता का पाठ पढ़ने के बाद अपने अभिभावकों को स्वच्छता व शौचालय के इस्तेमाल करने की आवश्यकता को बतायेंगे.
इसके अलावे डीएम ने निर्देश दिया है कि विद्यालय के छात्र-छात्राओं की डायरी पर प्रतिदिन उनके अभिभावक स्वच्छता को लेकर अपना मंतव्य लिखेंगे. इस तरह से छात्र-छात्राओं के माध्यम से घर-घर तक स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करने का एक नया तरीका जिला प्रशासन द्वारा अपनाया गया.
इसके साथ ही डीएम ने बैठक में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रतिमाह 10 स्कूलों का तीन बार निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. पहला निरीक्षण सुबह में नौ से 10 बजे के बीच, दूसरा निरीक्षण दोपहर में और तीसरा निरीक्षण स्कूल छुट्टी होने से पहले करने का आदेश दिया है और उसका जांच रिपोर्ट डीपीओ के माध्यम से डीएम के ऑफिस को भेजना है. मध्याह्न भोजन की समीक्षा के दौरान पाया गया कि कमता मध्य विद्यालय में दूषित पेयजल के कारण मध्याह्न भोजन बंद है.
डीएम ने एनजीओ के माध्यम से वहां मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. समीक्षा के क्रम में यह भी पता चला कि 10 प्राथमिक विद्यालय जमीन के अभाव में नहीं बन पा रहे हैं. बैठक में डीएम के अलावे जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ समेत शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद रहे.

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