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सभी अस्पतालों में मिलेगी गर्भ निरोधक गोली व सूई

जिलास्तर से पीएचसी तक रहेगी उपलब्धता, दिया जायेगा डॉक्टर व कर्मचारियों को प्रशिक्षण भभुआ सदर : जिले के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भ निरोधक सूई (एमपीए) व गर्भ निरोधक गोली (छाया) उपलब्ध कराया जायेगा. यह सुई व गोली अक्तूबर के प्रथम सप्ताह से सभी स्वास्थ्य […]

जिलास्तर से पीएचसी तक रहेगी उपलब्धता, दिया जायेगा डॉक्टर व कर्मचारियों को प्रशिक्षण
भभुआ सदर : जिले के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भ निरोधक सूई (एमपीए) व गर्भ निरोधक गोली (छाया) उपलब्ध कराया जायेगा. यह सुई व गोली अक्तूबर के प्रथम सप्ताह से सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध करा दिया जायेगा.
इसके लिए कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कैमूर सिविल सर्जन को गाइडलाइन जारी कर निर्देश दिया गया है. उक्त दोनों दवा जिला अस्पताल से लेकर पीएचसी स्तर पर उपलब्ध रहेगा. इसके अलावे दवा के भंडारण सहित दवा कभी आउट ऑफ स्टॉक न हो इसकी भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. आपूर्ति के हिसाब से 25 प्रतिशत दवा उपलब्ध होने पर ही राज्य से दवा का भंडारण सुनिश्चित करने का भी निर्देश जारी किया गया है.
छाया टैबलेट भी है परिवार नियोजन में लाभदायक
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी छाया टेबलेट भी परिवार नियोजन के लिए लाभकारी होगा. यह टेबलेट हार्मोन रहित सुरक्षित साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली है.
सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ किरण सिंह कहती है कि इस गोली का सेवन इच्छुक महिला लाभार्थियों को डॉक्टर की सलाह के बाद प्रथम तीन माह में दो गोली व तीन महीने बाद सप्ताह में एक गोली दिया जाता है. यह एनमिक व कम खून वाली महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. जनसंख्या पर रोकथाम के लिए विभाग ने मरीजों को प्रेरित करनेवाली आशा को भी 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है.
तीन महीने पर लगेगी एक सूई
गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के अंतरा कार्यक्रम के अंतर्गत एमपीए एक गर्भ निरोधक सूई है, जो मांसपेशियों में दी जाने वाली हार्मोनल गर्भ निरोध साधन है. इसका एक सूई तीन माह तक प्रभावी रहता है. लंबे समय तक सुरक्षा के लिए प्रत्येक तीन महीने में एक सूई लेना होता है.
सूई लेने से मां के दूध व गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जिसके कारण यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है. स्तनपान करानेवाली महिला इस सूई का प्रयोग प्रसव के 42 दिनों के बाद कर सकती है. इस सुई के इस्तेमाल से पहले महिला को चिकित्सक से जांच कराना आवश्यक है.
एएनएम व आशा को दिया जायेगा प्रशिक्षण
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा उक्त गर्भ निरोधक सूई व गोली जिला दवा भंडार को आपूर्ति किया जायेगा. जिला दवा भंडार से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध करायेगा. इसके लिए मास्टर ट्रेनर द्वारा जिला स्तर पर चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. जबकि, प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक द्वारा एएनएम व आशा को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
बोले अधिकारी
सिविल सर्जन डॉ केवीपी सिंह ने बताया कि अक्तूबर के पहले सप्ताह से इसकी शुरुआत होगी. फिलहाल तैयारी चल रही है.

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