धोखाधड़ी. अपार्टमेंट बनाने के नाम पर रुपये लेने का आरोप
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जालसाजी कर हड़पे 45 लाख
धोखाधड़ी. अपार्टमेंट बनाने के नाम पर रुपये लेने का आरोप एफआइआर दर्ज, एक महिला व पिता-पुत्र समेत तीन नामजद जहानाबाद (सदर) : पटना में अपार्टमेंट बनाने और औरंगाबाद में ट्रांसपोर्ट सर्विस खोलने के नाम पर एक युवक के साथ जालसाजी कर उसके 45 लाख रुपये हड़प लिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. अमानत […]
एफआइआर दर्ज, एक महिला व पिता-पुत्र समेत तीन नामजद
जहानाबाद (सदर) : पटना में अपार्टमेंट बनाने और औरंगाबाद में ट्रांसपोर्ट सर्विस खोलने के नाम पर एक युवक के साथ जालसाजी कर उसके 45 लाख रुपये हड़प लिये जाने का मामला प्रकाश में आया है.
अमानत में खयानत करने का आरोप लगा भोजपुर जिले के उदवंतनगर का निवासी चंदन कुमार सिंह ने इस संबंध में जहानाबाद नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में एक ही परिवार के एक महिला और पिता-पुत्र को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. जालसाजी के उक्त मामले की पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी है. नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अरविंद कुमार पाल ने बताया कि दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में सूचक चंदन कुमार सिंह ने रुपये के लेन-देन से संबंधित एकरारनामा व अन्य कागजात पुलिस को दिये हैं जिसके आधार पर गहन अनुसंधान किया जा रहा है.
सहकारिता विभाग में पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए उदवंतनगर (आरा) के निवासी सिहांसन सिंह के पुत्र चंदन कुमार सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सूचक ने कहा है कि पटना जिले के रामजयपाल नगर (रूपसपुर) के निवासी रामाशीष शर्मा के पुत्र मुनिंद्र कुमार उर्फ मुन्ना से उसकी दोस्ती हुई थी. दोनों के बीच मधुर संबंध बने, एक दूसरे के परिवारों में आना-जाना शुरू हुआ.
शहर के देवरिया मुहल्ले में हुई थी बिजनेस की बात
प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि जहानाबाद के देवरिया मुहल्ला स्थित उनके घर में बिजनेस पार्टनर बनाने की बात हुई थी. पटना में कामिणी विला नाम से अपार्टमेंट बनाने के लिए रुपये दिये. उसका एकरारनामा बनाया गया था. पहले नौ लाख साठ हजार और फिर 13 लाख 60 हजार रुपये अभियुक्तों के द्वारा लिये जाने का आरोप लगाया गया है. यह भी उल्लेख किया गया है कि इसके बाद औरंगाबाद में लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का काम शुरू करने के नाम पर अभियुक्तों ने उसे विश्वास में लिया और लाखों रुपये लेकर संयुक्त एकाउंट खोला, लेकिन जालसाजी कर सभी रुपये खाते से निकाल कर ट्रांसपोर्ट के नाम दूसरा खाता खोल दिया गया एवं व्यापार से उसे अलग कर दिया गया है. सूचक का कहना है कि उक्त धंधे में धोखा खाने के बाद उसने हिसाब करने के बाद 45 लाख रुपये वापस करने की मांग की. कई दिनों बाद एक चेक दिया गया, जो बैंक से बाउंस हो गया. रुपये वापस करने के लिए वकालतन नोटिस दिया गया, लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला, तब नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी. आरोप लगाया गया है कि रुपये मांग किये जाने के लिए अभियुक्तों के द्वारा गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गयी. पुलिस उपलब्ध कागजात के आधार पर अनुसंधान कर रही है.
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