ऐसे आवास के खिड़की व दरवाजे चारी हो रहे हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी के आवास की भी ऐसी ही जजर्र स्थिति है. इस परिस्थिति में बीडीओ व सीओ सहित अन्य प्रखंड कर्मी अन्यत्र रहने को मजबूर हैं. इन अधिकारियों ने जिला मुख्यालय में निजी आवास किराये पर लेकर रहना मुनासिब समझा. आश्चर्य इस बात का है कि सरकार जहां प्रखंड कार्यालय व कर्मियों को अपडेट करने की कवायद में जुटी है. वहीं इनके रहने को लेक यूं उदासीनता क्यों हैं. हालांकि इन सरकारी आवास के ऊपर एक दशक पूर्व से ही ध्यान देकर उसकी मरम्मती किया जाता तो संभवत: आवास की उम्र बढ़ जाती और कर्मियों को रहने की व्यवस्था हो जाती. परंतु उस वक्त भी मरम्मती के नाम पर राशि की लूट की गयी. धीरे-धीरे आवास के छत से वर्षा का पानी रिसने लगा. पानी से रिसने से ढलाई के छड़ में जंग लगा और छत का प्लास्टर आदि गिरने लगा. खतरे को भांप कर्मी इन आवासों में रहने से इंकार किया. परिणामत: धीरे-धीरे खाली पड़े ये आवास और भी ज्यादा बीमार पड़ता गया. हाल के दिनों में नये बीडीओ अशोक कुमार द्वारा अपने आवास सहित कई आवास की मरम्मती की योजना अभियंता से परामर्श किया परंतु उन्हें स्पष्ट बताया गया कि अब ऐसे आवास मरम्मती योग्य भी नहीं रहे. कुछ ऐसी ही स्थिति स्वास्थ्य विभाग व विद्युत विभाग के सरकारी आवास के साथ भी है.
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जंगल में तब्दील हो रहा है प्रखंड कर्मियों का आवास
सोनो: प्रखंड परिसर में दशकों पूर्व प्रखंड कर्मियों के लिए बनाये गये सरकारी आवास जजर्र होकर खंडहर में तब्दील हो गया है. रख-रखाव व मरम्मती के अभाव में दिन-प्रतिदिन इन सरकारी आवास की स्थिति जजर्र ही होती जा रही है. वर्तमान की बात करें तो लगभग डेढ़ दर्जन ऐसे सरकारी आवास में महज एक-दो क्वार्टर […]
सोनो: प्रखंड परिसर में दशकों पूर्व प्रखंड कर्मियों के लिए बनाये गये सरकारी आवास जजर्र होकर खंडहर में तब्दील हो गया है. रख-रखाव व मरम्मती के अभाव में दिन-प्रतिदिन इन सरकारी आवास की स्थिति जजर्र ही होती जा रही है. वर्तमान की बात करें तो लगभग डेढ़ दर्जन ऐसे सरकारी आवास में महज एक-दो क्वार्टर में ही कर्मी रह रहे हैं वो भी खुद के खर्चे से मरम्मत करवा कर. बाकी आवास की स्थिति तो अब ऐसी हो गयी है कि उसमें बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आयी है जो जहरीले जीवों का बसेरा हो गया है. देख-रेख के अभाव में ऐसे परित्यक्त जजर्र आवास जुआरियों व चोरों का अड्डा बन सकता है.
कहते हैं बीडीओ : बीडीओ अशोक कुमार कहते हैं कि प्रखंड परिसर के आवास जजर्र हो चुके हैं और मरम्मती के लायक भी नहीं हैं. बैठकों में नये आवास हेतु उच्चधिकारियों को कहा गया है. परंतु कब तक आवास बनाने की योजना आयेगी कहा नहीं जा सकता है.
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