जमुई : जमुई जिले के वनाच्छादित होने तथा भौगोलिक दृष्टिकोण से इस के विषम होने के कारण जिले में नक्सल वारदात का इतिहास बहुत पुराना है तथा जमुई के कुछ चिन्हित थाना में लगातार नक्सल वारदात की घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहता है. देखा जाये तो पुलिस नक्सल घटनाओं के बाद मामला तो दर्ज करती है.
परंतु उन मामलों में पुलिस को बहुत कुछ सफलता हासिल नहीं हो पाता है. बात करें जिले के लक्ष्मीपुर थाना की तो यहां दर्ज हुए नक्सल मामलों में से 27 मामलों का निष्पादन आज तक नहीं किया जा सका है और यह आज भी लंबित है. इसमें अपहरण, फिरौती, हत्या, पुलिस बल पर जानलेवा हमला फायरिंग सहित कई अन्य मामला दर्ज है. इसके अलावा उक्त थाना में नक्सली मोबाइल टावर और पॉश मशीन आदि को भी निशाना बनाते रहे हैं व उसे कई मर्तबा उसे आग के हवाले भी किया है. परंतु आज तक उन सभी मामलों में किसी का निष्पादन नहीं हो सका है. इस कारण अभी भी उक्त थाना में नक्सल वारदात से संबंधित 27 मामले लंबित हैं.
किन-किन मामलों का नहीं हो सका है निष्पादन
बताते चलें कि लक्ष्मीपुर थाना में दर्ज कांड संख्या 35/09, कांड संख्या 147/09, कांड संख्या 29/10, कांड संख्या 239/10, कांड संख्या 107/11, कांड संख्या 137/11, कांड संख्या 147/11, कांड संख्या 115/12, कांड संख्या 165/12, कांड संख्या 177/12, कांड संख्या 72/13, कांड संख्या 136/13, कांड संख्या 161/14, कांड संख्या 235/14, कांड संख्या 55/15, कांड संख्या 180/15, कांड संख्या 232/15, कांड संख्या 04/16, कांड संख्या 16/16, कांड संख्या 98/17, कांड संख्या 106/17, कांड संख्या 310/17, कांड संख्या 37/09, कांड संख्या 112/08 तथा कांड संख्या 180/08 का निष्पादन नहीं हो सका है. इस मामले में पुलिस को बहुत बड़ी सफलता भी हाथ नहीं लगी है. हालांकि कुछ एक मामलों में कार्रवाई की बात जरूर सामने आयी है, परंतु अभी तक इन सब मामले में पुलिस कुछ खास नहीं कर पायी है.
लक्ष्मीपुर में मोबाइल टावर को निशाना बनाना रहा है आसान
बताते चलें कि लक्ष्मीपुर थाना में नक्सलियों का आसान टारगेट मोबाइल कंपनियों का टावर रहा है. जिसमें कई मर्तबा नक्सली बंदी के दौरान नक्सलियों ने मोबाइल टावर को आग के हवाले कर दिया. जिसमें नक्सलियों ने बीते 29 मई 2017 को लक्ष्मीपुर थाना अंतर्गत एक मोबाइल टावर को आग लगा दिया था. इस मामले में थाना में कांड संख्या 98/17 के तहत मामला दर्ज किया गया. परंतु आज तक इस मामले में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग सका है. वही बीते 31 मार्च 2009 को चौरमारा में नवनिर्मित प्राथमिक विद्यालय भवन को विस्फोटक लगाकर ध्वस्त कर दिया था. वहीं अन्य बड़ी नक्सली घटनाओं की बात की जाये,
तो बीते 18 दिसंबर 2010 को नक्सलियों ने अरविंद मंडल का अपहरण कर उसका मोटरसाइकिल छीन लिया था तथा बीते 7 अप्रैल 2013 को श्याम सुंदर कोड़ा एवं उसके चचेरे भाई राजकुमार थोड़ा का अपहरण कर श्यामसुंदर कोड़ा की हत्या कर दी थी. इसके अलावे नक्सलियों ने बीते 25 जुलाई 2013 को पुलिस बल पर जानलेवा हमला भी किया था. इन सभी मामलों में पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया परंतु आज तक किसी मामले में पुलिस को सफलता हाथ नहीं लग सकी है.