गतिविधि शून्य . सरकारी उदासीनता के कारण लोक शिक्षण केंद्र की स्थिति हुई बदतर
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18 माह से फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं
गतिविधि शून्य . सरकारी उदासीनता के कारण लोक शिक्षण केंद्र की स्थिति हुई बदतर 15 माह से अधिक समय से बंद है प्रेरक व वरीय प्रेरक का मानदेय महज कागजों पर हो रहा लोक शिक्षण केंद्र का संचालन इस कार्य में 306 प्रेरकों व वरीय प्रेरकों को लगाया गया है इनमें से कई प्रेरकों व […]
15 माह से अधिक समय से बंद है प्रेरक व वरीय प्रेरक का मानदेय
महज कागजों पर हो रहा लोक शिक्षण केंद्र का संचालन
इस कार्य में 306 प्रेरकों व वरीय प्रेरकों को लगाया गया है
इनमें से कई प्रेरकों व वरीय प्रेरकों ने छोड़ दिया है काम
जमुई : राज्य सरकार के द्वारा 15 से अधिक आयु वर्ग के महिला एवं पुरुषों को साक्षर बनाने के लिए प्रत्येक पंचायत स्थित एक एक मध्य विद्यालय में लोक शिक्षण केंद्र की स्थापना की गयी है. लेकिन सरकार के द्वारा विगत 18 माह से लोक शिक्षण केंद्र को संचालन के लिए राशि नहीं दिये जाने के कारण लोक शिक्षण केंद्र की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है.
विभाग की लापरवाही से नाराजगी : वहीं सरकार की इस लापरवाह रवैये के कारण विगत 15 माह से मानदेय नहीं कुल 306 प्रेरक और वरीय प्रेरक में से कई प्रेरक व वरीय प्रेरक ने अपना कार्य छोड़ दिया है. सरकारी मदद नहीं मिलने और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्तमान समय में अधिकांश पंचायतों में महज कागजों पर ही लोक शिक्षण केंद्र का संचालन हो रहा है और यह सरकारी व्यवस्था को धता बताता नजर आ रहा है. हालांकि खानापूर्ति के लिए प्रत्येक छह माह पर सरकार के निर्देशानुसार नव साक्षर की बुनियादी महापरीक्षा जरूर ली जाती है. लेकिन इस कार्य में स्थानीय अधिकारियों का सहयोग सही तरीके से नहीं मिलने के कारण यह कार्यक्रम जिले में हवा हवाई बन कर रह गया है.
कैसे होता है लोक शिक्षण केंद्र का संचालन
प्रत्येक पंचायत में रहने वाले 15 से अधिक आयु वर्ग के निरक्षर महिला व पुरुष को साक्षर बनाने के लिए लोक शिक्षण केंद्र का संचालन किया जाता है. इसके अलावे प्रत्येक पंचायत में एक एक वरीय प्रेरक और प्रेरक की नियुक्ति की गयी है. साथ ही प्रत्येक लोक शिक्षण केंद्र में वीटी की भी व्यवस्था की गयी है. साथ ही प्रखंड स्तर पर लोक शिक्षण केंद्र के कार्यों की निगरानी के लिए प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक और केआरपी की व्यवस्था की गयी है. साथ ही प्रत्येक प्रेरक व वरीय प्रेरक को अपने लोक शिक्षण केंद्र के पोषक क्षेत्र में आने वाले 10-10 निरक्षर लोगों और प्रत्येक वीटी को भी 10-10 लोगों को साक्षर बनाने का जिम्मा दिया गया है. लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण नियमित कक्षा का संचालन लोक शिक्षण केंद्र पर नहीं होता है. लेकिन प्रत्येक छह माह पर बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा लेकर नवसाक्षरों को साक्षर होने का प्रमाण पत्र केवल दे दिया जाता है. देखभाल के अभाव में सभी लोक शिक्षण केंद्र संसाधन विहीन बना हुआ है और सभी लोक शिक्षण केंद्रों पर कुछ कुर्सी और टेबुल के अलावे कुछ भी नहीं है.
वर्तमान स्थिति
लोक िशक्षा केंद्र में नहीं हो रहा है िनयमित कक्षा का संचालन
केंद्र पर संसाधनों का है घोर अभाव
कुछ कुर्सी व टेबुल के अलावा कुछ नहीं है
गतिविधि के नाम पर की जाती है खानापूर्ति
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