जमुई : अगर आप कहीं दूर से अपने घर जमुई आ रहे हैं और आपको आते-आते अगर शाम हो गयी है, तो यह आपके लिए चिंता का प्रश्न बन सकता है. क्योंकि शाम होने के बाद ही टेंपो चालक मनमाना किराया वसूलने लगते हैं. साथ ही मनमाना किराया नहीं देने पर वह आपको बीच सड़क वाहन से उतार भी सकता है. ताजा मामला रविवार शाम का है.
जब गाड़ी संख्या 18621 पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस अपने नियत समय से 1 घंटा 42 मिनट लेट आयी. तब एक ऑटो चालक की मनमानी से वापस आ रहे लोगों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा. हुआ कुछ यूं की स्टेशन से निकलने के बाद जब लोग जमुई आने के लिए ऑटो में बैठे तब ऑटो सवार ने वापस आ रहे लोगों से मनमाना किराया मांगा. इस दौरान खैरा के गोपालपुर निवासी अमरेंद्र वर्णवाल अपनी बेटी के साथ पटना से लौट रहे थे.
उन्होंने बताया कि जब वह लोग स्टेशन से निकलकर जमुई आने के लिए टेंपो में बैठे, तब उनसे ऑटो चालक ने कचहरी चौक तक जाने के लिए 20 रुपया तथा महिसौड़ी चौक व बोधवन तालाब जाने के लिए ऑटो चालक ने उसे 25 रुपये प्रति व्यक्ति की मांग की. जब उन्होंने इसका विरोध किया तब उनके साथ ऑटो में सवार अन्य पैसेंजर भी इस बात का विरोध करने लगे. लोगों को उग्र होता देख ऑटो चालक ने सभी को बीच सड़क पर ऑटो से उतार दिया और किसी अन्य पैसेंजर को लेकर वह वापस चला गया. इस दौरान कई महिलाएं भी बीच सड़क पर खड़ी रही.
पूर्व में प्रशासन ने टेंपो चालकों के साथ बैठक कर निर्धारित किया था किराया
कुछ दिनों पूर्व प्रभात खबर ने टेंपो चालकों द्वारा की जा रही मनमानी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसके बाद हरकत में आया प्रशासन के द्वारा ऑटो चालक के साथ मिल बैठकर ऑटो किराये का निर्धारण किया गया था. जिसके अनुसार मलयपुर स्टेशन से जमुई तक के लिए किराया सात रुपया प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया था तथा रात के बाद 15 रुपया प्रति व्यक्ति किराये का निर्धारण हुआ था. परंतु ऑटो चालकों पर इसका असर होता दिख नहीं रहा है.
जिस वजह से ऑटो चालक की मनमानी के कारण लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ यात्रियों ने ऑटो चालकों पर दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. परंतु इन सब मामलों से इतर प्रशासन द्वारा अभी तक इस मामले को लेकर कोई ठोस सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका है. साथ ही जो कदम उठाया भी गया था उसका कोई खास असर होता दिख नहीं रहा है. ऐसे में जमुई-मलयपुर मुख्य मार्ग पर लोगों के लिए यात्रा करना मुसीबत का सबब बनता जा रहा है. अब देखना यह है कि कब प्रशासन की नींद खुलती है और इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाया जाता है.