नागी डैम . जैव विविधता की खोज में पहुंचे महाराष्ट्र की टीम
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प्रकृति से दूर जा रहा मानव जीवन
नागी डैम . जैव विविधता की खोज में पहुंचे महाराष्ट्र की टीम बिहार में जैव विविधता को जानने व उसकी उपयोगिता को भारत के लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र प्रदेश के आठ सदस्यीय पर्यटक टीम नागी-नकटी डैम पहुंचे. झाझा : बिहार में जैव विविधता को जानने के उद्देश्य से महाराष्ट्र प्रदेश के आठ […]
बिहार में जैव विविधता को जानने व उसकी उपयोगिता को भारत के लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र प्रदेश के आठ सदस्यीय पर्यटक टीम नागी-नकटी डैम पहुंचे.
झाझा : बिहार में जैव विविधता को जानने के उद्देश्य से महाराष्ट्र प्रदेश के आठ सदस्यीय पर्यटक टीम के सदस्य मंगलवार को झाझा स्थित नागी-नकटी डैम पहुंच कर जायजा लिया. टीम में रहे वैज्ञानिक,समाजसेवी,प्राध्यापक सदस्यों ने इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु,पौधा व अन्य प्रकृति से सबंधित जानकारियां हासिल किया.वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार व फोरेस्टर सुशील प्रसाद सिंह ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटक टीम के सदस्य इसे नेट पर डालकर अमलोगों को प्राकृतिक बारे में जागरूक करेंगे.ताकि आनेवाले दिनों में पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सके और प्रकृति से मिले संसाधनों का उपयोग विधि सम्मत किया जा सके.
साथ में रही टीम लीडर मिस गौरव ने बतायी कि हमारे साथ पर्यावरणविद और वैज्ञानिक डा. सुधीर कुमार,जयंत बसकर,प्रो. उषा सोमन,वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ डा.श्रेया सिंह,डा.रूपाली,भास्कर पराते हैं.हमलोग बिहार के गया,बोध गया,राजगीर,नालंदा, झाझा के नागी एवम नकटी डैम व भागलपुर प्रक्षेत्र के विक्रमशिला विश्वविद्यालय व गंगा में डॉल्फिन की स्थिति का जायजा लेंगे. टीम लीडर गोरी ने बतायी की हमलोगों का पांच दिवसीय बिहार दौरा है.
हमारी टीम इस प्रक्षेत्र में पाए जाने वाले छोटे जीव-जंतुओं व पौधों से लेकर बड़े जीव-जंतुओं व पौधों का बारीकी से अध्ययन करेंगे.हमारी टीम की मंशा है कि अत्याधुनिकीकरण को कैसे प्राकृतिक से जोड़ा जाए.आज हम किसी भी वस्तु का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसमें प्रकृति का अहम रोल है.आज मानव जीवन प्रकृति से अलग हो रहा है. अत्याधुनिक चकाचौंध में हम वन सम्पदा से लेकर प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं.जो हमारे जीवन के लिए खतरा बनते जा रहा है.
वैज्ञानिक डा.सुधीर ने बताया कि प्रकृति में सब कुछ है.हमें उसे जानने व पहचाने की जरूरत है.भोजन पानी से लेकर दवाई तक हमें जंगल व अन्य प्राकृतिक संसाधनों से मिलते हैं.वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार और फोरेस्टर सुशील प्रसाद सिंह ने बताया कि पर्यटक नागी डैम में नोका बिहार किया व जल जीवो का अध्ययन भी किया.बुधवार को यही टीम नकटी डैम का अध्यायन करेंगे.मोके पर कृष्णकांत सिन्हा,उत्तम कुमार,बैद्यनाथ रजक समेत कई वन अधिकारी व कर्मी मौजूद थे.
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