गोपालगंज : अभी अप्रैल की शुरुआत ही हुई है, लेकिन सूर्य देवता की तल्खी से पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. कई दिनों से 39.6 से ऊपर चल रहा पारा बुधवार को 4.3 डिग्री सेल्सियस गिरकर 35.3 डिग्री पर पहुंच गया. अधिकतम तापमान गिरने से राहत रही, लेकिन रात का तापमान ऊमस बनाये हुए है. […]
गोपालगंज : अभी अप्रैल की शुरुआत ही हुई है, लेकिन सूर्य देवता की तल्खी से पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. कई दिनों से 39.6 से ऊपर चल रहा पारा बुधवार को 4.3 डिग्री सेल्सियस गिरकर 35.3 डिग्री पर पहुंच गया. अधिकतम तापमान गिरने से राहत रही, लेकिन रात का तापमान ऊमस बनाये हुए है. पूर्वी हवा 8.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती रही.
रात का पारा 23.6 डिग्री बने रहने से लोगों को गरमी से निजात मिलती नहीं दिख रही है. अभी तक बारिश की उम्मीद लगाये मौसम वैज्ञानिकों ने भी कह दिया कि फिलहाल बारिश के आसार कम हो रहे हैं. हालांकि उन्होंने बदली होने और छींटे पड़ने की आशंका जरूर जतायी है. अधिकतम आर्द्रता 63 फीसदी और न्यूनतम 43 फीसदी मापी गयी. बुधवार को गरमी का सितम इस कदर था कि सुबह से निकली तेज धूप ने राहगीरों को झुलसा कर रख दिया.
दोपहर में इससे बचाव के लिए लोग जहां छांव की तलाश करते रहे, वहीं ठंडा पानी व पेय पदार्थों से अपनी प्यास बुझायी. कई सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिखा.
आम लोगों के साथ पशु-पक्षी भी बेचैन नजर आये.
बाजारों में बढ़ी इंवर्टर-बैटरी की मांग
गरमी के परवान चढ़ने के साथ ही बिजली ने भी अपने रंग- ढंग दिखाने शुरू कर दिये हैं. ऐसे में लोगों ने उसके विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है. बिजली कटौती के समय डीजल चलित जेनेरेटर हर किसी की बस की बात नहीं होने के कारण इंवर्टर तथा सौर ऊर्जा संयंत्र बेहतर विकल्प साबित होने लगे हैं. इनकी मांग भी पारे से साथ बढ़नी शुरू हो गयी है. बाजार में नामी कंपनियों के साथ लोकल इंवर्टर तथा बैटरियां भी हैं. ढाई से छह हजार रुपये तक सामान्य क्षमता के इंवर्टर के साथ दस हजार रुपये तक की लोकल तथा 12-13 हजार रुपये में ब्रांडेड बैटरी मिल रही है. ऐसे में उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार घरों में इंवर्टर व बैटरी लगवा रहे हैं.
मेन रोड, जंगलिया मोड़, थावे रोड में बैटरी व इंनवर्टर की दुकानों पर भीड़ जुट रही है. हर कोई गरमी से निजात दिलाने के लिए घरों में वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है. सिंह एग्रों व्यवसायी राजीव कुमार सिंह ने बताया डिमांड बढ़ गयी है. इस समय डेढ़ गुना अधिक मांग बढ़ी है.
कम वाट के कूलर भी बने पसंद
गरमी से निजात पाने के लिए लोग कूलर का सहारा लेते हैं. पुराने समय के कूलर अधिक बिजली की खपत करते थे जिन्हें इंवर्टर से नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे में बिजली कटौती तथा इंवर्टर की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियों ने कम बिजली की खपत वाले कूलर बाजार में उतारे हैं. ये कूलर भी लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं.