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मौसम की मार से किसान बेहाल चिंता . जिले में 30 फीसदी बाकी है गेहूं की बोआई, ठंड के साथ गेहूं की बोआई से उपज पर सवाल

जिले में इस वर्ष 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती का लक्ष्य है. अब तक 70 हजार हेक्टेयर खेतों की बोआई हुई है. पड़ रही ठंड के साथ गेहूं की बोआई और इसकी उपज को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं. गोपालगंज : कृषि विभाग की शिथिलता, नोटबंदी और अब ठंड की मार ने […]

जिले में इस वर्ष 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती का लक्ष्य है. अब तक 70 हजार हेक्टेयर खेतों की बोआई हुई है. पड़ रही ठंड के साथ गेहूं की बोआई और इसकी उपज को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं.

गोपालगंज : कृषि विभाग की शिथिलता, नोटबंदी और अब ठंड की मार ने किसानों को हासिये पर ला दिया है. खेत तैयार है, पैसे के अभाव में खाद-बीज नहीं मिल रहे हैं. दो दिन से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों की चिंता इस बात की है कि बोआई भी करते हैं तो बीज देर से जमेगा और पौधों में ग्रोथ न होगा. ऐसे में आखिर आच्छादन कैसे हो? जिले में 97 हजार हेक्टेयर गेहूं की बोआई का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक मात्र 70 हजार हेक्टेयर की बोआई हो पायी है.
गोपालगंज : मरता क्या न करता. नोटबंदी के बाद यह कहावत ग्रामीणों के लिए जिंदगी का फसाना बन गयी है. ग्रामीण बैंक और को-आॅपरेटिव बैंक केसीसी से लोन नहीं दे रहे हैं. उनके पास कैश की कमी है. बंगरा गाव के मजबूर किसान अजय कुमार ने कहावत को हकीकत में चरितार्थ कर दिया. नकदी के अभाव से बोआई के लिए तैयार खेत में घर में खाने के लिए रखे गेहूं को ही बीज के तौर पर इस्तेमाल कर दिया. परिणाम क्या होगा, यह सभी किसान जान रहे हैं.
वक्त पर जब फसल पकेगी तो आपेक्षित उत्पाद का आधा भी अनाज मिल जाये तो भगवान की बड़ी कृपा होगी. किसान राजेश पांडेय ने बताया कि बताया कि रोज बैंक क चक्कर लगावत-लगावत थक गइली, त मजबूर हो के खाए के लिए गल्ला में रखल पुराना गेहूं ही बो देहली, अब भगवान जाने का होई लेकिन बोआई क समय जात रहल तो ई निर्णय लेवय क भयल. लखन ने बताया की खाद दुकानदार पुरानी नोट लेने को तैयार नहीं है. बैंक में भी जरूरत के हिसाब से नकदी नहीं मिल रही है.
किसान इसहाक खान ने बताया कई दिन लाइन में लगकर दो-दो हजार रुपये कर निकाल कर कुल 10 हजार रुपये जुटा लिये हैं. इस नकदी से गेहूं की बोआई की है. किसान जगदीश यादव ने बताया किसी तरह तीन दिन में 12 हजार रुपये मिला तो गेहूं की बोआई हो गयी लेकिन खाद की मात्रा कम पड़ी.
एक नजर में रबी अभियान का लक्ष्य
फसल लक्ष्य आच्छादन
गेहूं 97 हजार 70 हजार
मक्का 13500 95 सौ
चना 500 300
मसूर 500 410
मटर 1000 150
फसल लक्ष्य आच्छादन
अन्य दलहन 300 150
सरसों राई 3500 15 सौ
तीसी 1000 250
सूरजमुखी 50 00
जौ 400 00
क्या कहता है कृषि विभाग
नोटबंदी ने बोआई को कुप्रभावित किया है. 15 दिसंबर तक रेगुलर बोआई होगी. किसान बोआई में लगे हुए हैं. लक्ष्य पूरा हो जायेगा.
सुरेश प्रसाद, डीएओ, गोपालगंज

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