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स्कूलों कीे साइंस िकट खरीद में फर्जीवाड़ा

दो वर्षों में नहीं हो सकी जांच टालमटोल की राह पर चल रहा शिक्षा विभाग गोपालगंज : मिडिल स्कूलों में साइंस िकट खरीदने की योजना वर्ष 2014 में आयी. जिले के सभी मध्य विद्यालयों में साइंस िकट खरीदे जाने को लेकर प्रतिविद्यालय 10 हजार की राशि उपावंटित की गयी, लेकिन विद्यालयों के द्वारा बिना किसी […]

दो वर्षों में नहीं हो सकी जांच

टालमटोल की राह पर चल रहा शिक्षा विभाग
गोपालगंज : मिडिल स्कूलों में साइंस िकट खरीदने की योजना वर्ष 2014 में आयी. जिले के सभी मध्य विद्यालयों में साइंस िकट खरीदे जाने को लेकर प्रतिविद्यालय 10 हजार की राशि उपावंटित की गयी, लेकिन विद्यालयों के द्वारा बिना किसी निविदा के ही मनमाने तरीके से बिना गुणवत्ता व रजिस्टर्ड कंपनी जैसे मानकों को दरकिनार करते हुए साइंस िकट की खरीदारी की गयी, जो काफी घटिया किस्म की थी. इस मामले की जानकारी होने पर जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के सदस्य ललन मांझी के द्वारा सदन के समक्ष जांच की मांग उठायी गयी.
इस पर सदन के द्वारा साइंस िकट में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए टीम का गठन किया गया. तीन सदस्य जांच टीम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, तत्कालीन विधायक बैकुंठपुर मंजीत कुमार सिंह एवं समिति सदस्य ललन मांझी को शामिल किया गया, लेकिन कमेटी गठन के दो वर्षों के बाद भी शिक्षा विभाग के द्वारा जांच में अपेक्षित सहयोग नहीं किया गया. इसके कारण आज भी साइंस िकट में फर्जीवाड़े के मामले पर शिक्षा विभाग परदा डालने में सफल है.
वहीं, शिक्षा विभाग के इस कारनामे से क्षुब्ध उपविकास आयुक्त दयानंद मिश्र ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्मार पत्र दिया है, ताकि जांच कर रिपोर्ट शीघ्र मुहैया करायी जाये.

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