गर्भाशय कांड . ऑपरेशन से पहले विशेषज्ञ से नहीं ली गयी थी सलाह
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जांच टीम ने किया था खुलासा
गर्भाशय कांड . ऑपरेशन से पहले विशेषज्ञ से नहीं ली गयी थी सलाह गर्भाशय कांड के सामने आने के बाद प्रशासन की तरफ से सरकार के निर्णय के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आइएमए ने 30 अप्रैल को सांकेतिक हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, जबकि विशेषज्ञ […]
गर्भाशय कांड के सामने आने के बाद प्रशासन की तरफ से सरकार के निर्णय के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आइएमए ने 30 अप्रैल को सांकेतिक हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, जबकि विशेषज्ञ डॉक्टर गर्भाशय को शरीर का अहम हिस्सा मानते हैं.
गोपालगंज : गर्भाशय कांड में चयनित नर्सिंग होम की तरफ से पैसे के लोभ में महिलाओं की जान से खिलवाड़ किया गया है. गर्भाशय निकालने के पहले गाइनो के विशेषज्ञ डॉक्टर का परामर्श तक नहीं लिया गया है. इलाज कराने आयी महिलाओं को सलाह देकर उनका गर्भाशय निकाल दिया गया.
गर्भाशय कांड में विशेषज्ञ डॉक्टर ने इसका खुलासा किया है. स्त्री रोग विशेषज्ञ अगर मरीज को सलाह देती हैं कि गर्भाशय निकाल दिया जाये तभी उसे निकालना बेहतर होता है. सर्जरी से पहले एमडी से भी मरीज का चेकअप जरूरी होता है, जिसका ध्यान नहीं रखा गया. गर्भाशय सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए ही जरूरी नहीं है वह शरीर का एक पार्ट है,
जिसके निकल जाने से महिलाओं की हड्डियों में कमजोरी आती है. दवा देकर गर्भाशय का इलाज पहले करना चाहिए था, जो नहीं किया गया है. गर्भाशय की सर्जरी भी मेजर मानी जाती है. ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह आवश्यक होती है.
खुलासा होते ही बदल गया बोर्ड
कांड का खुलासा होने के बाद उपकार सेवा सदन बंद-सा हो गया है. अब यहां इलाज नहीं हो रहा है, जबकि सर्जरी ब्यूरो सेंटर जनता सिनेमा रोड में था. खुलासा होने के बाद इसके डॉक्टर का अपना नर्सिंग होम शहर में बन गया. इस सर्जरी ब्यूरो सेंटर को बंद कर दिया गया. अब यहां दूसरा नर्सिंग होम खुल गया.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में गर्भाशय घोटाला सामने आने के बाद भी अधिकारियों ने वैसे अस्पतालों का चयन किया है, जिनके यहां न तो विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न ही सर्जन हैं. एक डॉक्टर का बोर्ड चार नर्सिंग होम पर लगा हुआ है, जबकि डॉक्टर कहीं नहीं जाते. यहां इलाज कंपाउंडर और नर्स के भरोसे होता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि का भुगतान भी इनके द्वारा लिया जा रहा है.
कल सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर
गर्भाशय कांड में प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर आइएमए के डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल 30 अप्रैल को आयोजित है. इसकी घोषणा आइएमए की बैठक के बाद की जा चुकी है.
सर्जन को विशेषज्ञ की सलाह की जरूरत नहीं
गर्भाशय कांड में जिस प्रकार का कंफ्यूजन पैदा किया जा रहा है, डॉक्टरों को बदनाम किया जा रहा है, इससे समाज में काफी खराब मैसेज जा रहा है. किसी भी सर्जन को गर्भाशय का ऑपरेशन से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेने की जरूरत नहीं है. सर्जन खुद सक्षम हैं. जांच टीम ने गलत मंशा से रिपोर्ट कर डॉक्टरों को बदनाम करने का काम किया है.
डॉ बीपी सिंह सचिव, आइएमए, गोपालगंज
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